Goods and Services Tax की शुरुआत 1 जुलाई 2017 को की गई थी। सरकार का इसे लाने का मकसद पुरानी जटिल टैक्स व्यवस्था को खत्म करना था। यह एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जिसने सर्विस टैक्स, वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे कई करों का स्थान ले लिया। ये टैक्स राज्यों में अलग-अलग थे और टैक्स व्यवस्था में भ्रम पैदा करते थे। जीएसटी ने इन सभी करों को एक टैक्स में जोड़ दिया है, जिससे कारोबारी, ग्राहक और सरकार के लिए करों का प्रबंधन करना आसान हो गया है।
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