बरेली। सस्ते दामों में सागौन फर्नीचर बेचने की आड़ में करोड़ों का काला कारोबार और टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। जीएसटी विभाग की विशेष टीम ने कांकर टोला में छापा मारकर फराज फर्नीचर और टीए फर्नीचर के गोदामों से पांच ट्रक सागौन की लकड़ी पकड़ ली।
टीम को यह देखकर शक हुआ कि सागौन का बेड मात्र चार-पांच हजार और सोफा सेट छह हजार रुपये तक में दिखाया जा रहा था, जबकि बाजार में इसकी कीमत कई गुना अधिक है। यहीं से कर चोरी की परतें खुलती चली गईं
छापे के दौरान तीन करोड़ के टर्नओवर पर 50 लाख की कर चोरी पकड़ी गई। जिस पर
मौके पर ही व्यापारियों से ₹5 लाख टैक्स की पहली किस्त वसूली गई। इसके अलावा फर्ज़ी बिल, अधूरे जीएसटी प्रपत्र और छिपाए गए स्टॉक की बुक्स सीज़ की हैं।
फर्ज़ी रेट दिखाने वाले सावेद अहमद और तुवीद अहमद कांकर टोला में रहते हैं। दोनों भाई हैं।अवैध तरीके से सागौन को "स्थानीय लकड़ी" बताकर बेच रहे थे। जीएसटी अधिकारियों की टीम ने जब जांच की तो पता लगा स्थानीय लकड़ी नहीं कीमती सागौन है। इसके बाद उनके प्रपत्रों की जांच की गई। जिसमें फर्जी वाले का खुलासा हुआ। बिलों में सोफा और बेड 5000 और 7000 का दिखा रखा था जबकि मार्केट में इसकी कीमत 25000 से लेकर ₹50000 तक है।
जीएसटी ग्रेड-1 के अपर आयुक्त आशीष निरंजन ने बताया कि चार और फर्मों का ब्योरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खंगाला जा रहा है।
अब कंप्यूटर एल्गोरिथ्म बताएगा किसने कितना टैक्स चुराया है। डेटा एनालिसिस में जो भी गड़बड़ी सामने आएगी। हर फर्म पर इसी तरह की कर कार्रवाई होगी।
जीएसटी टीम की कार्रवाई के बाद शहर में लकड़ी और फर्नीचर कारोबारियों में खौफ साफ दिखा।
सूत्रों के मुताबिक कई छोटे गोदामों से रातों-रात माल गायब किया गया। एसआईबी के उपायुक्त अनिरुद्ध सिंह और सहायक आयुक्त वेद प्रकाश शुक्ल के नेतृत्व में टीमों ने छापेमारी की। फर्नीचर की चार और फर्में जीएसटी के रडार पर हैं। जल्द ही इन पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है।
Published on:
13 Oct 2025 09:47 am
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