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बच्ची से गैंगरेप के दोषियों को फांसी, सजा सुनते ही फूट-फूटकर रोने लगे रेपिस्ट

Agra News: आगरा की पॉक्सो कोर्ट ने 6 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले में रिश्ते के चाचा अमित और उसके साथी निखिल को फांसी की सजा सुनाई है। 18 महीने चली सुनवाई में 18 गवाहों की गवाही के बाद जज सोनिका चौधरी ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सजा सुनते ही दोनों दोषी कोर्ट में रो पड़े, जबकि मासूम की मां बाहर फूट-फूटकर रोई।

2 min read

आगरा

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Mohd Danish

Oct 16, 2025

agra 6 year old girl gangrape murder pocso court death sentence amit nikhil

आगरा कोर्ट ने बच्ची से गैंगरेप-हत्या के दोषियों को सुनाई फांसी | AI Generated Image

Court death sentence amit nikhil in Agra: आगरा की पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को बहुचर्चित 6 वर्षीय बच्ची गैंगरेप और हत्या मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। लगभग 18 महीने चली सुनवाई के दौरान 18 गवाहों ने अदालत में बयान दिए। अदालत ने अपराध को जघन्य और अमानवीय करार देते हुए कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें किसी भी तरह की दया उचित नहीं है। दोषियों में बच्ची का रिश्ते का चाचा अमित और उसका साथी निखिल शामिल हैं। सजा सुनते ही दोनों कोर्ट में रोने लगे और माफी मांगने लगे, लेकिन न्याय की हथौड़ी चल चुकी थी।

रिश्ते के चाचा ने ही कर दी दरिंदगी की हद पार

यह मामला मार्च 2024 का है, जब बाह थाना क्षेत्र के एक गांव में छह साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। उस दौरान उसका रिश्ते का चाचा अमित और उसका साथी निखिल बहाने से उसे बाइक पर बैठाकर ले गए। दोनों ने उसके साथ गैंगरेप और कुकर्म किया। मासूम की निर्दयता से हत्या कर शव को छिपा दिया गया। जब बच्ची घर नहीं लौटी तो परिवार उसकी तलाश में दर-दर भटकता रहा।

फिरौती के कॉल से खुला दरिंदगी का राज

19 मार्च को आरोपी अमित और निखिल ने बच्ची के पिता को कॉल कर 6 लाख रुपए की फिरौती मांगी। यह कॉल पुलिस के संदेह का कारण बना। पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। 20 मार्च को दोनों आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस पूछताछ में जब दोनों ने सच उगला, तो हड़कंप मच गया। उनकी निशानदेही पर जब शव बरामद किया गया, तो हालत इतनी खराब थी कि पुलिसकर्मी तक कांप उठे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि मासूम के साथ गैंगरेप और कुकर्म दोनों हुआ था।

कोर्ट में गूंजा एक ही नाम इंसाफ-इंसाफ

मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो न्यायाधीश सोनिका चौधरी की अदालत में हुई। उन्होंने पुलिस और अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को अत्यंत सशक्त माना। एडीजीसी सुभाष गिरी ने 18 गवाहों के बयान और ठोस सबूतों के साथ केस को अदालत में मजबूती से पेश किया। कोर्ट ने क्रमशः 15 अक्टूबर को दोषियों को दोषी ठहराया और 16 अक्टूबर को फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनते वक्त कोर्ट के बाहर मौजूद परिवार और ग्रामीणों की आंखें नम थीं। मां की रुलाई पूरे परिसर में गूंज उठी।

न्यायाधीश सोनिका चौधरी का लगातार दूसरा कड़ा फैसला

दिलचस्प बात यह रही कि यही न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने पिछले वर्ष भी 15 अक्टूबर को ही एक अन्य दुष्कर्मी को फांसी की सजा दी थी। इस वर्ष भी 15 अक्टूबर को दोषियों को दोषी ठहराकर अगले दिन सजा सुनाई गई। कोर्ट का यह फैसला न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करता है और यह संदेश देता है कि मासूमों के साथ दरिंदगी करने वालों को किसी भी सूरत में माफी नहीं मिलेगी।