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देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के बाद आने वाली एकादशी को ही देवोत्थान एकादशी अथवा देवउठान एकादशी या 'प्रबोधिनी एकादशी' कहा जाता है। आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को सभी देवता शयन करते हैं और इस कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही उठते हैं। विष्णु जी के शयन काल के चार मासों में विवाहादि मांगलिक कार्यों का आयोजन करना निषेध है। हरि के जागने के बाद ही इस एकादशी से सभी शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं। इसीलिए कार्तिक शुकल पक्ष की एकादशी को देवोत्थानी (देवताओं के जागने की एकादशी) कहा गया है।

Devshayani Ekadashi: सनातन परंपरा में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व

रायपुर

CG CM Sai

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Varuthini Ekadashi 2025 fast on 24th April

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