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Laxmi Narayan Aarti: एकादशी पर गाएं यह लक्ष्मी नारायण आरती, भगवान विष्णु संग लक्ष्मीजी का भी मिलेगा आशीर्वाद

Laxmi Narayan Aarti: एकादशी पर भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान सत्य नारायण यानी हरि विष्णु के साथ उनकी संगिनी लक्ष्मीजी की पूजा पाठ का विधान है। इस पूजा में लक्ष्मी नारायण की आरती विशेष रूप से लाभदायक होती है। आइये पढ़ें लक्ष्मी नारायण की आरती (Satya Narayan Aarti)

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Laxmi Narayan Aarti On Ekadashi

Laxmi Narayan Aarti On Ekadashi: लक्ष्मी नारायण आरती

Laxmi Narayan Aarti: जय लक्ष्मी-विष्णो आरती श्री लक्ष्मीनारायण को समर्पित है। श्री लक्ष्मीनारायण भगवान विष्णु का ही एक नाम है। कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी देव उठनी एकादशी पर इसके गायन की महिमा बढ़ जाती है। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद मिलता है।

॥ आरती श्री सत्यनारायणजी ॥


जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा।

सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥

जय लक्ष्मीरमणा।

रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे।

नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥

जय लक्ष्मीरमणा।

प्रगट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो।

बूढ़ो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो॥

जय लक्ष्मीरमणा।

दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी।

चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी॥

जय लक्ष्मीरमणा।

वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी।

सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर स्तुति कीनी॥

जय लक्ष्मीरमणा।

भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धर्यो।

श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज सर्यो॥

जय लक्ष्मीरमणा।

ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी।

मनवांछित फल दीनो दीनदयाल हरी॥

जय लक्ष्मीरमणा।

चढ़त प्रसाद सवाया कदली फल मेवा।

धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेवा॥

जय लक्ष्मीरमणा।

श्री सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

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जय लक्ष्मीरमणा।