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धरती के पास अब दो ‘चांद’? नासा की नई खोज

NASA's Discovery: नासा ने एक बड़ी खोज की है। धरती के पास नासा को एक ऐसा क्षुद्रग्रह मिला है जिसे धरती के दूसरे 'चांद' की तरह बताया जा रहा है।

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भारत

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Tanay Mishra

Oct 23, 2025

2025 PN7

2025 PN7 (Photo - NASA)

नासा (NASA) दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन है। अक्सर ही नासा स्पेस से जुड़ी नई-नई खोजों में लगा रहता है। हाल ही में नासा ने एक और नई खोज की है। नासा ने हाल ही में एक छोटे क्षुद्रग्रह की खोज की पुष्टि की है, जिसका नाम 2025 PN7 रखा गया है। हवाई यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा इस साल की शुरुआत में एक रूटीन टेलीस्कोप सर्वे के दौरान इसे ढूंढा गया था, जिसपर नासा ने और गहराई से खोज की।

दूसरा चांद?

कई लोग इसे धरती का दूसरा चांद भी बता रहे हैं। हालांकि यह वास्तविक चांद नहीं है और इसी वजह से इसे 'क्वासी-मून' कहा जा रहा है। ‘क्वासी मून’ उन खगोलीय पिंडों को कहा जाता है जो सूर्य की परिक्रमा करते हुए धरती के करीब बने रहते हैं, जिससे वो उपग्रह जैसे दिखते हैं। 2025 PN7, धरती के गुरुत्वाकर्षण से हल्के रूप में बंधा है, पर यह उसका प्राकृतिक उपग्रह नहीं है। यह सूर्य की परिक्रमा करते समय आकाश में 8 आकार का मार्ग बनाता प्रतीत होता है।

कितना है आकार?

2025 PN7 का आकार बहुत छोटा है। यह लगभग 18 से 36 मीटर चौड़ा है। धरती के असली चांद जिसका व्यास करीब 3,474 किलोमीटर है, की तुलना में 2025 PN7 बहुत छोटा है।

कब तक रहेगा धरती के करीब?

नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर 2025 PN7 की स्पेस में कक्षा स्थिर रही, तो यह 2083 तक धरती के करीब रहेगा। धरती से दूरी की बात की जाए, तो 2025 PN7 धरती से करीब 40 लाख किलोमीटर से 1.7 करोड़ किलोमीटर की रेंज में है।2083 के बाद यह 'क्वासी मून' सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से दूर चला जाएगा और खुली जगह में तैरने लगेगा। ऐसे में यह क्षुद्रग्रह धरती के लिए एक अस्थायी साथी है।