
पाकिस्तान में सेना के खिलाफ बगावत (File Photo)
पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा एक बार फिर गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। बलूचिस्तान के कलात जिले के मंगूचार इलाके में 22 अक्टूबर की रात रुक-रुककर चली गोलीबारी और विस्फोटों ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्वेटा-कराची नेशनल हाईवे (N-25) पर सड़क जाम के दौरान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और हथियारबंद विद्रोहियों के बीच जबरदस्त झड़पें हुईं। विद्रोहियों ने दावा किया है कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ, जबकि उनके पक्ष को कोई क्षति नहीं पहुंची।
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) और Xपर वायरल पोस्ट्स से पता चलता है कि मंगूचार में करीब एक घंटे तक चेकपॉइंट्स लगाए गए थे। देर रात अचानक तेज गोलीबारी और धमाकों की आवाजें गूंजने लगीं, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया, और स्थानीय लोग घरों में दुबक गए। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना ने क्वाडकॉप्टर्स (ड्रोन) का इस्तेमाल कर बम गिराए, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे अलगाववादी संगठनों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जो पाकिस्तानी सेना पर प्राकृतिक संसाधनों के शोषण का आरोप लगाते हुए स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग ISPR ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
मंगूचार और कलात क्षेत्र लंबे समय से बलूच विद्रोह का गढ़ रहा है। 2025 में यहां कई बड़े हमले हो चुके हैं। फरवरी में BLA ने इसी इलाके में सैन्य चौकियों पर धावा बोलकर 18 फ्रंटियर कोर (FC) जवानों को मार गिराया था। मई में हाईवे ब्लॉकेज और सरकारी भवनों पर कब्जे की घटनाओं में BLA ने 39 स्थानों पर हमलों का दावा किया। ये हमले क्षेत्र के खनिज संसाधनों के शोषण के खिलाफ हैं, जहां बलूच समुदाय का आरोप है कि पाकिस्तान की केंद्र सरकार इनका फायदा उठा रही है, जबकि स्थानीय लोगों को कुछ नहीं मिल रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाएं बलूचिस्तान में अस्थिरता को और गहरा रही हैं, जो CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) प्रोजेक्ट्स को भी प्रभावित कर सकती हैं।
इस घटना के बीच अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। 22 अक्टूबर को दक्षिण वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तानी सेना के बीच भयंकर झड़पें हुईं। TTP ने एक सैन्य चौकी पर हमला कर 25 सैनिकों की मौत का दावा किया, जबकि पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन हमलों से जवाब दिया। ये अफगान तालिबान के साथ चल रहे संघर्षों का हिस्सा हैं। अक्टूबर में ही काबुल और कंधार पर पाकिस्तानी हवाई हमले हुए थे।
Published on:
23 Oct 2025 05:46 pm
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