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प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है: अचार्य पचौरी

प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है और हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए।


ग्वालियर. आचार्य मुकेश पचौरी ने सिद्धपीठ श्री गंगा दास की शाला में आयोजित झूलन महोत्सव के अवसर पर श्रीमद भागवत कथा में प्रकृति पूजा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति पूजा ही वास्तविक गोवर्धन पूजा है और हमें प्रकृति की रक्षा करना चाहिए।
आचार्य ने बताया, प्रभु ने गोवर्धन पर्वत की पूजा कराकर जन-मानस को प्रकृति की पूजा और रक्षा का संदेश दिया। उन्होंने सभी से वृक्ष लगाने का आह्वान किया। कथा में प्रभु की बाल लीला और माखन चोरी लीला के माध्यम से भक्तों को आनंद प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर तुलसी जयंती भी मनाई गई और गोस्वामी तुलसी दास जी के राम चरित मानस के महत्व को बताया गया। कथा के विश्राम में गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग लगाया गया। इस मौके पर महंत राम सेवक दास महाराज, मुन्नालाल गोयल, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। रात में सुंदर रास लीला का मंचन किया गया, जिसमें मीरा बाई के चरित्र का वर्णन किया गया।