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वोटर लिस्ट रिवीजन में जुटे कर्मियों को बड़ी राहत, बीएलओ का मानदेय दोगुना

चुनाव आयोगः 2015 से नहीं हुई थी वृद्धि नई दिल्ली. बिहार में जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के बीच चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) से लेकर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) तक के मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी की है। बीएलओ को अब पहले के 6000 रुपए के बजाय 12000 रुपए मानदेय मिलेगा, साथ ही […]

जयपुर

Nitin Kumar

Aug 04, 2025

voter list
वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण. फाइल फोटो सोशल मीडिया /x

चुनाव आयोगः 2015 से नहीं हुई थी वृद्धि

नई दिल्ली. बिहार में जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के बीच चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) से लेकर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) तक के मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी की है। बीएलओ को अब पहले के 6000 रुपए के बजाय 12000 रुपए मानदेय मिलेगा, साथ ही 6000 रुपए का विशेष भत्ता पहले की तरह मिलता रहेगा। इसके अलावा, पुनरीक्षण कार्य के लिए बीएलओ को मिलने वाला 1000 रुपए का अतिरिक्त मानदेय अब बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। बीएलओ सुपरवाइजर का मानदेय भी 12000 से बढ़ाकर 18000 रुपए कर दिया गया है। ईआरओ और सहायक ईआरओ (एईआरओ) को भी पहली बार क्रमशः 30,000 और 25,000 रुपए का मानदेय मिलेगा। यह फैसला पूरे देश में लागू होगा। आयोग ने यह निर्णय बीते 10 वर्षों में मानदेय न बढ़ने की स्थिति को देखते हुए लिया है।

बिहार में बीएलओ को मिलेंगे कुल 24 हजार रुपए

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में बीएलओ को अब कुल 24 हजार रुपए मिलेंगे। चुनाव आयोग द्वारा तय 12000 रुपए मानदेय और 6000 रुपए विशेष भत्ते के अतिरिक्त, राज्य सरकार ने भी बीएलओ को 6000 रुपए की एकमुश्त राशि देने की घोषणा की थी। इस तरह तीन स्रोतों से मिलने वाली कुल राशि 24 हजार रुपए हो गई है, जो बीएलओ के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है।