राजकीय विद्यालय भवनों की दुर्दशा किसी से छुपी हुई नहीं है, लेकिन पिछले अर्से के दौरान पहले झालावाड़ और फिर जैसलमेर जिले में हुए हादसों ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। शासन-प्रशासन ने आनन-फानन में सभी स्कूलों के भौतिक निरीक्षण के दिशा-निर्देश जारी किए। सीमावर्ती जैसलमेर जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों से विधायकों के निवास स्थान के आसपास के क्षेत्र में भी कई विद्यालय भवनों की हालत खराब है। इनमें कहीं कमरों की छतों से पानी टपकता है तो कहीं दीवारों में दरारें आई हैं और कहीं पर चारदीवारी व दीवारों के पत्थर निकले हुए हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। यही कारण है कि कुछ जगहों को पहले से बच्चों के लिए निषेध किया गया है तो कुछ को पिछले दिनों के हादसों से सबक लेकर वर्तमान में रस्सी की बैरिकेडिंग लगा कर बचाव का फौरी उपाय किया गया है। पत्रिका टीम ने जैसलमेर व पोकरण विधायकों के निवास के समीपवर्ती कुछ विद्यालय भवनों का जायजा लिया तो उनकी दुर्दशा देखने को मिली।
पोकरण में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम का पुराना भवन पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। महंत प्रतापपुरी के आवास से महज 10 कदम की दूरी पर स्थित यह भवन बारिश के मौसम में और भी खतरनाक हो जाता है। छत से पानी टपकता है और प्लास्टर गिरता रहता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। विद्यालय परिसर में नए भवन बनाए गए हैं, लेकिन कक्षाएं अब भी पुराने ढांचे में ही चल रही हैं। यहां 380 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें करीब 200 छात्राएं शामिल हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ती है।
Updated on:
03 Aug 2025 08:28 pm
Published on:
03 Aug 2025 11:24 pm