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जहां रहते माननीय, उसके आसपास भी स्कूल भवनों की ठीक नहीं हालत

राजकीय विद्यालय भवनों की दुर्दशा किसी से छुपी हुई नहीं है, लेकिन पिछले अर्से के दौरान पहले झालावाड़ और फिर जैसलमेर जिले में हुए हादसों ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।

राजकीय विद्यालय भवनों की दुर्दशा किसी से छुपी हुई नहीं है, लेकिन पिछले अर्से के दौरान पहले झालावाड़ और फिर जैसलमेर जिले में हुए हादसों ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। शासन-प्रशासन ने आनन-फानन में सभी स्कूलों के भौतिक निरीक्षण के दिशा-निर्देश जारी किए। सीमावर्ती जैसलमेर जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों से विधायकों के निवास स्थान के आसपास के क्षेत्र में भी कई विद्यालय भवनों की हालत खराब है। इनमें कहीं कमरों की छतों से पानी टपकता है तो कहीं दीवारों में दरारें आई हैं और कहीं पर चारदीवारी व दीवारों के पत्थर निकले हुए हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। यही कारण है कि कुछ जगहों को पहले से बच्चों के लिए निषेध किया गया है तो कुछ को पिछले दिनों के हादसों से सबक लेकर वर्तमान में रस्सी की बैरिकेडिंग लगा कर बचाव का फौरी उपाय किया गया है। पत्रिका टीम ने जैसलमेर व पोकरण विधायकों के निवास के समीपवर्ती कुछ विद्यालय भवनों का जायजा लिया तो उनकी दुर्दशा देखने को मिली।

बरामदे जर्जर, दीवारों में दरारें

  • विधायक छोटूसिंह भाटी का निवास अमरसागर गांव में है, जो जैसलमेर मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा जैसलमेर में भी उनका कार्यालय है। यहां चैनपुरा मोहल्ला के पीछे वाले हिस्से में अवस्थित राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन के कमरों व बरामदों की स्थिति खराब है। इस वजह से कमरों सहित बरामदे को रस्सियों से सील किया गया है।
  • राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, आरपी कॉलोनी भवन में दीवार के निचले हिस्से के पत्थर निकले हुए हैं और कुछ दीवारों में दरारें भी आई हुई हैं।
  • राजकीय संस्कृत विद्यालय कुम्हार पाड़ा संस्थापन कार्यालय की छत पर स्थित कक्ष, रसोईघर, पोषाहार भंडार गृह की खराब दशा को देखते हुए उन्हें सील कर अन्यत्र स्थानांतरित करवाया गया है।

जर्जर भवन में पढ़ाई, बच्चों पर मंडरा रहा खतरा

पोकरण में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम का पुराना भवन पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। महंत प्रतापपुरी के आवास से महज 10 कदम की दूरी पर स्थित यह भवन बारिश के मौसम में और भी खतरनाक हो जाता है। छत से पानी टपकता है और प्लास्टर गिरता रहता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। विद्यालय परिसर में नए भवन बनाए गए हैं, लेकिन कक्षाएं अब भी पुराने ढांचे में ही चल रही हैं। यहां 380 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें करीब 200 छात्राएं शामिल हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ती है।

  • विद्यालय परिसर में बनी प्याऊ भी जर्जर होकर टूटने की कगार पर पहुंच गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
  • शिक्षकों और अभिभावकों ने मांग की है कि जर्जर भवन को तुरंत बंद कर कक्षाएं सुरक्षित भवनों में शिफ्ट की जाएं। साथ ही, पुराने ढांचे की मरम्मत या नए निर्माण की योजना जल्द शुरू की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित माहौल में हो सके।