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खजुराहो-पन्ना रेल लाइन परियोजना में बनेंगी 8 सुरंग, डीपीआर तैयार, होंगे टेंडर

अजयगढ़ घाटी में कुल 8 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जिनके डिज़ाइन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हैं। वर्ष 2026 में इन सुरंगों के निर्माण के टेंडर जारी किए जाएंगे।

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खजुराहो से पन्ना के बीच पुल निर्माण कार्य

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित खजुराहो-पन्ना-सतना रेल लाइन परियोजना अब वास्तविक रूप में गति पकड़ रही है। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मंडल के अधिकारियों के अनुसार, यह 72 किलोमीटर लंबा रेलखंड खजुराहो से पन्ना होते हुए सतना तक फैला होगा। परियोजना की विशेषता यह है कि अजयगढ़ घाटी में कुल 8 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, जिनके डिज़ाइन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हैं। वर्ष 2026 में इन सुरंगों के निर्माण के टेंडर जारी किए जाएंगे। यह परियोजना 1998 से अधूरी पड़ी ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन का अंतिम हिस्सा है। खजुराहो-पन्ना रेलखंड के बन जाने से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में आधुनिक रेल कनेक्टिविटी स्थापित होगी, जिससे पर्यटन, व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

निर्माण कार्य की स्थिति और चरण

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि परियोजना का पहला चरण खजुराहो से सूरजपुरा तक के 16 किलोमीटर समतल क्षेत्र में शुरू हो चुका है। इसमें लेवलिंग, मिट्टी भराई, क्वार्टर बिल्डिंग और प्रारंभिक संरचनाओं के निर्माण के लिए टेंडर स्वीकृत हैं। दूसरे चरण में बालूपुर से अजयगढ़ तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। परियोजना का पूरा कार्य अगले चार वर्षों में पूरा होने की संभावना है। रेलखंड में कुल 47 पुल और पुलियों का निर्माण किया जाएगा। इनमें 40 छोटे और 7 बड़े पुल शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण पुल केन नदी पर सूरजपुरा के पास बनेगा। यह परियोजना का तकनीकी रूप से सबसे जटिल हिस्सा माना जा रहा है।

6 नए रेलवे स्टेशन और यात्री-सुविधाएं

रेलमार्ग पर कुल 6 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे। छतरपुर जिले में सूरजपुरा और बरखेड़ा व पन्ना जिले में सबदुआ, बालूपुर, अजयगढ़ और सिंहपुर स्टेशन बनेंगे। सभी स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं, प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर और माल लदान की व्यवस्था होगी। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इस रेल लाइन के पूरा होने से खजुराहो-सतना के बीच यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।

वन भूमि हस्तांतरण की समस्या का समाधान

इस परियोजना में सबसे बड़ी अड़चन थी वन भूमि हस्तांतरण। पन्ना जिले में रेलवे को भूमि हस्तांतरित करने में कई साल लग गए थे। हालांकि अब 309 हेक्टेयर वन भूमि राज्य सरकार के माध्यम से रेलवे को हस्तांतरित की जा चुकी है। इससे निर्माण कार्य में तेजी आई है और परियोजना अब अपने निर्धारित समय पर पूर्ण होने की ओर बढ़ रही है।

तकनीकी विशेषताएँ

सुरंगें- अजयगढ़ घाटी में 8 सुरंगपुल और पुलिया- 47 (40 छोटे, 7 बड़े)

प्रमुख पुल- केन नदी पर सूरजपुरा के पास

रेलवे स्टेशन- 6 नए स्टेशन

परियोजना लंबाई- 72 किलोमीटर

टेंडर और निर्माण: टेंडर जारी, निर्माण कार्य अगले 4 वर्षों में पूरा

स्थानीय और आर्थिक प्रभाव

1. पर्यटन को बढ़ावा- खजुराहो और सतना के बीच तीव्र और सुरक्षित रेल सेवा।

2. व्यापार और उद्योग - माल परिवहन आसान और तेज़ होगा।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार- निर्माण और स्टेशन संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार।

4. यात्रा समय में कमी- खजुराहो-सतना मार्ग की यात्रा अब तेज और सुविधाजनक।

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5. सामाजिक विकास- शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों के लिए बेहतर संपर्क।

परियोजना का महत्व

रेलवे ने इस परियोजना को बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताया है। हर्षित श्रीवास्तव मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम मध्य रेलवे ने कहा 72 किलोमीटर के इस रेलखंड में 8 सुरंग, 47 पुल और 6 नए स्टेशन बनेंगे। यह परियोजना न केवल यात्रा समय को कम करेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति देगी। इस रेल मार्ग के पूरा होने के बाद खजुराहो, पन्ना और सतना के बीच व्यापारिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिलेगी।


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