
आतिशबाजी
पूरे शहर ने दीपों, रोशनी और उमंग से भरपूर दीपावली पर्व का उल्लासपूर्वक स्वागत किया। सुबह से ही लोगों में खासा उत्साह नजर आया। घरों और प्रतिष्ठानों के आंगन में रंगोली, दीपमालाएं और फूलों की सजावट से वातावरण भक्तिमय बन गया। बाजारों में सुबह से ही खरीददारों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, गेंदा के फूल, मिट्टी के दीपक, मिठाई और उपहार सामग्री खरीदने में व्यस्त दिखा। शाम को शुभ मुहूर्त में मां महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर लोगों ने सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इसके बाद आतिशबाजी का दौर देर रात तक चलता रहा, जिससे पूरा शहर दीपों और रोशनी से नहा उठा।
दीपावली के दिन सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई। लोग एक-दूसरे को बधाइयां देते और परिवार व मित्रों के साथ तस्वीरें साझा करते नजर आए। पूजा के बाद युवाओं ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हर घर में नए परिधानों और मीठे पकवानों की खुशबू ने पर्व की रौनक को और बढ़ा दिया।
जिला मुख्यालय सहित नगरीय निकायों में बनाए गए अस्थायी पटाखा बाजारों में खरीदारों की लंबी कतारें रहीं। अनुमान है कि दीपावली के दिन अकेले छतरपुर जिले में करीब 3 करोड़ रुपए के पटाखे बिके। सटई रोड स्थित होमगार्ड लाइन के पीछे लगाए गए 102 अस्थाई स्टालों में रॉकेट, लैला-मजनू, चकरी, फुलझड़ी, पॉप-अप और अनार जैसे आकर्षक पटाखों की सबसे अधिक मांग रही। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने देर रात तक आतिशबाजी का आनंद लिया।
दीपावली पर सजावटी वस्तुओं की भी जबर्दस्त मांग रही। दुकानों पर झालर, रंगोली, दरवाजे की सजावट के बैंडनवार और झूमरों की बिक्री खूब हुई। व्यापारी रिंकू लक्षकार ने बताया कि बाजार में 10 से 500 रुपए तक की मालाएं और राजस्थान से आए आकर्षक झूमर लोगों को खूब पसंद आए। प्लास्टिक, रबड़, ऊन और कपड़े से बने रंगीन झूमरों की बिक्री भी खूब बढ़ी।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता के चलते इस बार भी मिट्टी के दीयों की मांग सबसे अधिक रही। स्वास्तिक, पीपल पत्ते और ओम आकृति वाले दीयों ने लोगों को खूब आकर्षित किया। व्यापारी अजय सिंधी के अनुसार, इन दीयों की कीमत 20 से 25 रुपए प्रति सेट तक रही। रेडीमेड बत्तियों वाले बड़े दीपक और मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की बिक्री भी जोरदार रही। कई परिवारों ने घर की सजावट के लिए पारंपरिक दीयों को ही प्राथमिकता दी।
दीपावली पर मिठाई की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया। शहरभर में स्थायी दुकानों के साथ अस्थायी स्टॉलों पर दिनभर खरीदारी का दौर चला। खोवा मिठाइयों के बजाय इस बार लोगों ने ड्राई फूड और पैक्ड मिठाइयों को प्राथमिकता दी। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दीपावली के दिन शहर में करीब 4 करोड़ रुपए की मिठाई और ड्राई फूड की बिक्री हुई। कंपनियों के गिफ्ट बॉक्स की मांग ने भी कारोबार को बढ़ावा दिया।
पूरे शहर ने दीपों की रौशनी से ऐसा नजारा बनाया मानो धरती पर तारों की बारिश हो रही हो। मंदिरों, घरों और सरकारी इमारतों पर की गई लाइटिंग से पूरा शहर सुनहरी आभा में नहाया नजर आया। आतिशबाजी की चमक और दीपों की लौ ने यह संदेश दिया कि अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की विजय सदैव बनी रहे।
Updated on:
22 Oct 2025 10:43 am
Published on:
22 Oct 2025 10:42 am
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