CBI 941 crore gold scam
डीआरआइ और कस्टम की जांच के आधार पर सीबीआइ ने मामला दर्ज किया
राजस्व खुफिया निदेशालय और सीमा शुल्क विभाग की 2022 की जांच में सामने आए 941 करोड़ रुपए के सोने के घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चार सीमा शुल्क अधिकारियों, चार जौहरियों और एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के प्रतिनिधि पर मामला दर्ज किया है। इन सभी पर 2,170 किलोग्राम सोना ग़लत तरीके से बाजार में वितरण में लाने व भ्रष्टाचार का आरोप है।
इन नौ जनों के खिलाफ सीबीआइ की प्राथमिकी सोमवार को सार्वजनिक हुई जो बीस अगस्त को ही दर्ज हो चुकी थी, जिसके अनुसार इन अधिकारियों को नवम्बर 2020 से जनवरी 2022 के बीच 6 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी। इसके अलावा, इनकी अवैध संपत्तियों और हवाई अड्डे पर तस्करों को बिना जांच के निकलने देने के साक्ष्य भी मिले हैं। सीबीआइ ने नतीजतन शनिवार को चेन्नई और उपनगर में लगभग 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी।ये हैं मुख्य आरोपीमुख्य आरोपियों में सीमा शुल्क अधीक्षक जे. सुरेश कुमार, आलोक शुक्ला, पी तुलसी राम, सीमा शुल्क मूल्यांकक एन सैमुअल दीपक अविनाश, बीएसएम लॉजिस्टिक्स के ए. मारीअप्पन के अलावा चार सर्राफा कारोबारी दीपक, के. संतोष, सुनील और के. सुनील शामिल हैं। सभी जौहरी साहुकारपेट क्षेत्र के हैं। इन सभी पर भ्रष्टाचार, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।सोने की तस्करी का तरीकासीबीआइ ने जांच जून 2023 में शुरू की। आरोप है कि इन जौहरियों ने सीमा शुल्क अधिकारियों की मिलीभगत से एयर कार्गो परिसर में नकली आभूषण (तांबे या पीतल पर 10% सोने की परत) को असली 22 कैरेट बताकर निर्यात किया। असली सोने की ईंटें अधिकृत एजेंसियों से आयात कर बाकी सोना काले बाजार में बेच दिया गया। इस घोटाले की राशि दुबई हवाला के जरिए भेजी गई। दो वर्षों में करीब 2,612 किलोग्राम सोने की परत चढ़े आभूषण दुबई और मलेशिया को निर्यात किए गए। जे सुरेश कुमार, आलोक शुक्ला, तुलसी राम और सैमुअल अविनाश पर आरोप है कि इन्होंने जौहरियों के माल की बिल जांच में घोटाला कर नकली आभूषणों को असली बताकर पास किया। मारीअप्पन सभी मामलों में कस्टम एजेंट की भूमिका में था। सुरेश कुमार के घर छापे में 1,675 ग्राम 24 कैरेट सोने की चेन और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले, जो बेहिसाबी थे।
Published on:
02 Sept 2025 11:54 am
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