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Pahalgam Attack: पकड़े गए आरोपी ने उगले बड़े राज, जानें 26 पर्यटकों पर हमले से पहले घाटी में क्या-क्या हुआ?

पहलगाम हमले के आतंकियों की मदद के आरोप में पकड़े गए मोहम्मद यूसुफ कटारी ने पुलिस और जांच एजेंसियों के सामने कई राज उगले हैं। कटारी ने खुलासा किया है कि उसने आतंकियों को एंड्रॉयड फोन का चार्जर मुहैया करवाया था और दुर्गम इलाके में उनकी मदद की थी।

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Pahalgam Terror Attack

प्रस्तुत के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- ANI)

पहलगाम हमले के आतंकियों को मदद के आरोप में पकड़े गए युवक मोहम्मद यूसुफ कटारी ने पुलिस और जांच एजेंसियोंं के सामने कई राज उगले हैं। कटारी गत सप्ताह गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में कटारी ने खुलासा किया है कि वह पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या करने वाले तीन आतंकियों सुलेमान उर्फ आसिफ, जिबरान और हमजा अफगानी से श्रीनगर शहर के बाहर जबरवान पहाडि़यों में चार बार मिला था।

उसने ही आतंकियों को एंड्रॉयड फोन का चार्जर मुहैया करवाया था। इस चार्जर से मिले सुराग के आधार पर ही कटारी को गिरफ्तार किया गया था। उसने दुर्गम इलाके में आतंकियों की रास्ता बताने और अन्य मामलों में भी मदद की थी।

पुलिस के अनुसार, कटारी खानाबदोश छात्रों को पढ़ाता था। जांच एजेंसियों को आशंका है कि खानाबदोश छात्रों के पढ़ाने के नाम पर कटारी आतंकियों का भर्ती एजेंट तो नही है।

इस बारे में आगे तहकीकात की जा रही है। और वह आतंकवादी समूह के लिए एक प्रमुख संसाधन था। माना जाता है कि उसने हमलावरों को चार्जर मुहैया कराने और दुर्गम इलाकों में उनका मार्गदर्शन करने जैसी मदद की।

ढेर आतंकी के चार्जर से मिला था सुराग

जांच एजेंसियां मुठभेड़ में ढेर पहलगाम के गुनहगार आतंकियों के पास मिले मोबाइल चार्जर के आधार पर कटारी तक पहुंची है। आतंकी सुलेमान, जिबरान और हमजा को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत ढेर कर दिया था।

मुठभेड़ स्थल के पास मोबाइल फोन के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ चार्जर मिला था। श्रीनगर पुलिस ने आखिरकार चार्जर के असली मालिक का पता लगाया और उसने फोन को एक डीलर को बेचने की पुष्टि की। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस कटारी तक पहुंच गई।

कब हुआ था पहलगाम हमला?

पहलगाम हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुआ एक आतंकवादी हमला था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई और लगभग 17 लोग घायल हो गए।

आतंकवादियों ने बैसरन घाटी के घास के मैदान में घुसकर पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमलावरों ने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछे और विशेष रूप से हिंदू पहचान वाले लोगों को निशाना बनाया।

भारत सरकार ने इस हमले की निंदा की और पाकिस्तान के साथ सिन्धु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।

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