दिल्ली के रिहायशी इलाकों में भरा बाढ़ का पानी। (Photo: ANI)
Flood in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ और जलभराव की स्थिति के बीच दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह दावा करना गलत है कि पूरी दिल्ली यमुना में डूब गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिविल लाइंस क्षेत्र में पानी की एक बूंद भी नहीं है। सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें और वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं। प्रवेश वर्मा ने कहा कि जलभराव केवल सर्विस रोड और मंदिर के आसपास के इलाकों तक सीमित है।
रेखा सरकार में जल संसाधन और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा शुक्रवार को मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रिंग रोड से 8–10 फीट नीचे स्थित सर्विस रोड पर पानी जमा है, लेकिन यह पानी यमुना से नहीं, बल्कि गुरुवार की बारिश से आया है, जिसे पंपों की मदद से निकाला जा रहा है। इस दौरान उन्होंने दोहराया कि सिविल लाइंस के अधिकांश हिस्सों में कोई जलभराव नहीं है और सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही तस्वीरें भ्रामक हैं।
दूसरी ओर, यमुना किनारे बसे बेला रोड, मोनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाजार के लोगों का कहना है कि उनका इलाका बुरी तरह प्रभावित है। बेला रोड निवासी लोगों का कहना है कि साल 2023 में जैसी भयावह बाढ़ आई थी, इस बार भी स्थिति कुछ वैसी ही है। साल 2023 में यमुना का पानी सड़क पर 4 से 5 फीट ऊपर तक भर गया था और जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। उधर, शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी ने सुबह 7 बजे तक यमुना का जलस्तर मामूली गिरावट के साथ 207.33 मीटर दर्ज किया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। इसके चलते कई निचले इलाके पानी में डूबे हुए हैं।
यमुना के जलस्तर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन दिल्ली के कई इलाके अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। यमुना किनारे बसे हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत कैंपों में शरण लेनी पड़ी है। सरकार और प्रशासन की ओर से इन कैंपों में जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। पिछले हफ्ते भारी बारिश के बाद हरियाणा से छोड़े गए पानी ने हालात और बिगाड़ दिए, जिससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली समेत कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित है।
शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया। जहां उन्होंने लोगों की समस्याएं जानी। केजरीवाल ने कहा "हम राहत शिविर में लोगों का हालचाल जानने आए हैं। उन्हें समय पर खाना नहीं मिल रहा है। मच्छरों का प्रकोप है, लेकिन उनसे निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी की भी समस्या है। हमें बताया गया कि टेंट कल ही लगाए गए। हम समझ सकते हैं कि यह एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन लोगों के लिए सभी व्यवस्थाएं करना सरकार की ज़िम्मेदारी है।"
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा "हम सरकार से राहत शिविरों में लोगों को सभी सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह करते हैं। दिल्ली में जगह जगह जलभराव है, कई इलाकों में इसका मुख्य कारण समय पर गाद निकालने का काम नहीं हो पाया, नालों की सफाई न होना और कई इलाकों में सीवर का बैकफ़्लो हो रहा है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। पूरा उत्तर भारत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड बाढ़ से जूझ रहे हैं। केंद्र सरकार से राहत प्रदान करने का आग्रह है। जितना हो सके लोगों की मदद करें। केंद्र ने अफग़ानिस्तान में भूकंप के बाद राहत सामग्री उपलब्ध कराई। यह अच्छी बात है, लेकिन केंद्र को बाढ़ से प्रभावित इन सभी राज्यों को राहत पहुंचानी चाहिए।"
दिल्ली में बाढ़ का पानी लगातार तबाही मचा रहा है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गढ़ी मेंधू गांव में ओमबीर नाम के शख्स की मौत डूबने से हो गई। पुलिस के मुताबिक 3 सितंबर को उनके डूबने की आशंका जताई गई थी, जिसके बाद एनडीआरएफ, डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) और स्थानीय लोगों की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया। कई दिनों की कोशिश के बाद शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे उनका शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा गया है और मामले की जांच जारी है।
दिल्ली में इस साल मॉनसून ने जमकर दस्तक दी है। सफदरजंग वेधशाला में अब तक 843.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य औसत 640.04 मिमी से करीब 32% ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह बारिश 2010 के बाद सबसे अधिक है और अभी बरसात का दौर खत्म नहीं हुआ है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने अगले चार दिन दिल्ली में बारिश का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को हल्की से मध्यम बारिश होगी और उसके बाद भी रुक-रुक कर बूंदाबांदी जारी रहेगी। मौसम वैज्ञानिक कृष्णा कुमार के मुताबिक, इस बार पूरे देश में मानसून सामान्य से बेहतर रहा है। केवल उत्तर-पूर्व भारत के तीन उपखंड ही बारिश में पीछे रहे। उत्तर-पश्चिम भारत में लगभग हर जगह बारिश ने औसत आंकड़ों को पार किया।
Published on:
05 Sept 2025 04:46 pm
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