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छठ पूजा से पहले यमुना सफाई पर सियासत तेज, AAP ने BJP पर लगाया पाखंड का आरोप

Yamuna Cleaning: AAP नेता ने कहा कि साल 2022 में छठ पर्व से पहले अरविंद केजरीवाल सरकार ने यमुना से झाग हटाने के लिए केमिकल का छिड़काव कराया था। ताकि श्रद्धालु स्वच्छ वातावरण में पूजा कर सकें।

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Politics intensifies Yamuna cleaning Chhath Puja in Delhi AAP accuses BJP hypocrisy

दिल्ली में छठ पूजा को लेकर यमुना सफाई पर सियासत।

Yamuna Cleaning: छठ पूजा से ठीक पहले यमुना नदी की सफाई को लेकर राजधानी दिल्ली में सियासी घमासान तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने पहले यमुना की सफाई में केमिकल के इस्तेमाल का विरोध किया था, लेकिन अब वही तरीका खुद अपनाया जा रहा है। भारद्वाज ने इसे “राजनीतिक पाखंड” बताया।

AAP नेता ने कहा कि साल 2022 में छठ पर्व से पहले अरविंद केजरीवाल सरकार ने यमुना से झाग हटाने के लिए केमिकल का छिड़काव कराया था, ताकि श्रद्धालु स्वच्छ वातावरण में पूजा कर सकें। उस समय भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि केमिकल “जहरीले” हैं और इससे यमुना को नुकसान होगा। लेकिन अब, भारद्वाज के मुताबिक, दिल्ली की भाजपा सरकार ने खुद उसी प्रकार के केमिकल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है।

सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर बोला हमला

सौरभ भारद्वाज ने कहा, “2022 में जब अरविंद केजरीवाल जी ने छठ पूजा से पहले यमुना से झाग हटाने के लिए यह तरीका अपनाया था, तब भाजपा नेताओं ने इसे जहरीला बताकर विरोध किया। अब वही भाजपा सरकार दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से उसी केमिकल की खरीद कर रही है। इससे साफ हो गया है कि भाजपा नेताओं ने जनता से झूठ बोला और छठ पूजा को लेकर राजनीति की।” AAP नेता ने यह भी कहा कि भाजपा ने उस समय द्वेषवश दिल्ली सरकार को झाग हटाने की अनुमति नहीं दी थी ताकि छठ पूजा में बाधा उत्पन्न हो। उन्होंने कहा, “भाजपा चाहती थी कि यमुना में झाग बना रहे ताकि श्रद्धालु पूजा न कर सकें। लेकिन आज वही लोग उसी प्रक्रिया को अपना रहे हैं। यह साबित करता है कि उनका विरोध सिर्फ राजनीतिक था।”

सीएम रेखा गुप्ता ने साफ-सफाई का दिया आदेश

दरअसल, दिल्ली में छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए रेखा सरकार ने यमुना के घाटों पर साफ-सफाई का आदेश दिया है। इसके तहत यमुना में झाग हटाने के लिए डिफोमर या एंटीफोम एजेंट नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी केमिकल को लेकर आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार पर हमलावर है। आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना है कि यही केमिकल साल 2022 में अरविंद केजरीवाल की सरकार यमुना में डलवा रही थी,

तब भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने इसे जहर बताया था, लेकिन अब वही केमिकल भाजपा सरकार यमुना नदी में डलवा रही है। इधर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री कपिल मिश्रा ने गुरुवार को कालिंदी कुंज छठ घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने दावा किया कि इस वर्ष यमुना नदी में झाग और गंदगी नहीं रहेगी तथा श्रद्धालु स्वच्छ जल में सूर्य देव को अर्घ्य दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यमुना की सफाई के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं और अब स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

प्रवेश वर्मा ने क्या कहा था?

आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज के शेयर किए वीडियो के अनुसार, साल 2022 में यमुना नदी में केमिकल डालने पहुंचे अधिकारियों पर तत्कालीन भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भड़क उठे थे। उन्होंने कहा था "तेरे सर पर डाल दूं ये केमिकल। तुझे शर्म नहीं आती। यहां पर लोग डुबकी लगाने लोग आएंगे और…चल तू पहले यहां डुबकी लगा।" इसपर अधिकारी ने जवाब देते हुए कहा था "आप इतना गुस्सा क्यों कर रहे हैं? ये केमिकल अप्रूव्ड है।"

दरअसल, डिफोमर (Defoamer) या एंटीफोम एजेंट (Antifoam Agent) ऐसे केमिकल होते हैं, जो तरल पदार्थों में बनने वाले झाग को बनने से या तो रोक रोक देते हैं या‌ फिर उसे तोड़ देते हैं। सामान्य स्थिति में इसे संतुलित मात्रा में उपयोग किया जाए तो ये नुकसानदेह नहीं होता है। हालांकि ज्यादा मात्रा खतरनाक जरूर हो सकती है।

25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा छठ पर्व

दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में छठ महोत्सव का आयोजन इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर तक होगा। 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ के साथ पर्व की शुरुआत होगी, 26 अक्टूबर को खरना मनाया जाएगा। इसके बाद 27 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व संपन्न होगा। छठ पर्व को लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगम ने घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। कालिंदी कुंज, वज़ीराबाद, और आईटीओ घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। राजधानी में छठ पूजा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीतिक विमर्श का भी केंद्र बनती जा रही है और यमुना की सफाई पर जारी यह जुबानी जंग इसका ताजा उदाहरण है।