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DUSU अध्यक्ष पर गहराया विवाद, बदल सकता है चुनाव का परिणाम, दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस जारी

DUSU President Controversy: दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए छात्र संघ अध्यक्ष के चुनाव पर विवाद गहरा गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी ईवीएम, पर्चियों और दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।

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dusu president controversy deepens High Court issues notice to Delhi University

हाईकोर्ट ने दिल्ली विवि को छात्र संघ अध्यक्ष चुनाव के लिए नोटिस जारी किया।

DUSU President Controversy: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष पद के चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया है। अदालत ने अध्यक्ष पद के लिए इस्तेमाल की गई EVM और उससे जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है। यह याचिका NSUI की ओर से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार रहीं जोसलिन नंदिता चौधरी और DUSU के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि 18 सितंबर को हुए मतदान में EVM के साथ छेड़छाड़ की गई, जिससे चुनाव प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं आईं। उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को रद्द कर एक नई, निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की मांग की है, जो न्यायिक निगरानी में हो।

मतदान में कथित गड़बड़ियों के आरोप

याचिका में कई कॉलेजों में मतदान के दौरान हुई कथित गड़बड़ियों का उल्लेख किया गया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि जानबूझकर EVM पर ABVP के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के नाम के सामने नीली स्याही के निशान लगाए गए थे। इन निशानों को हर मतदाता आसानी से देख सकता था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इसका मकसद मतदाताओं को एक खास उम्मीदवार के पक्ष में प्रभावित करना था। हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से पेश हुए वकील मोहिंदर रूपल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि EVM के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। उन्होंने दलील दी कि निशान केवल एक अंगूठे का था और इसे गलत तरीके से व्याख्या किया जा रहा है।

कोर्ट का रुख और सुनवाई की अगली तारीख

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि यह रिट याचिका EVM में छेड़छाड़ के आधार पर अध्यक्ष पद की मतदान प्रक्रिया को रद्द करने की मांग करती है। इसलिए तत्काल नोटिस जारी करिए। इसके बाद अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया। अदालत ने यह भी साफ किया कि याचिका में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है, लेकिन अध्यक्ष पद के विजयी उम्मीदवार को अभी तक पक्षकार नहीं बनाया गया है।

इसके बावजूद, कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनाव आयुक्त को तुरंत EVM, पर्चियों और अन्य संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित करने का आदेश दिया, ताकि भविष्य में उनकी जांच की जा सके। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 16 दिसंबर की तारीख तय की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय इन आरोपों का कैसे जवाब देता है और इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वाकई में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है तो चुनाव का परिणाम पलट भी सकता है।