प्रतीकात्मक तस्वीर - फ्रीपिक
शादाब अहमद
नई दिल्ली। देश में अब नागरिक ड्रोन उड़ाने के नियम सख़्त करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार ने नागरिक ड्रोन (प्रोत्साहन और विनियमन) विधेयक, 2025 का मसौदा जारी किया है। इसमें साफ़ किया गया है कि कोई भी नागरिक ड्रोन तभी उड़ सकेगा जब वह सरकार से पंजीकृत होगा और उसके पास विशिष्ट पहचान संख्या होगी। इस तरह का कानून बनाने के पीछे सरकार की मंशा देश और नागरिकों की सुरक्षा और ड्रोन व्यवसाय को बढ़ाने की है।
दरअसल, देश में तेजी के साथ ड्रोन की संख्या बढ़ रही है। बड़े शहरों से लेकर कस्बों और गांवों में ड्रोन दिख जाते हैं, लेकिन सरकार के पास पंजीकरण कुछ हजार ड्रोनों का ही है। ऐसे में सरकार ड्रोन उद्योग को अनुशासित और सुरक्षित बनाने की दिशा मे कदम उठा रही है। इससे देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी की उड़ान तो तेज़ होगी ही, साथ ही जनता को भरोसेमंद और सुरक्षित सेवा भी मिल सकेंगी। सरकार की ओर तैयार किए ड्राफ्ट में पांच सौ किलो वाले ड्रोंस को दायरे में लिया गया है। जबकि सेना, पुलिस और खुफ़िया एजेंसियों के ड्रोन पर यह लागू नहीं होगा।
ड्रोन पंजीकरण डीजीसीए या केंद्र द्वारा निर्धारित निकाय के पास होगा। इस दौरान ड्रोन को विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी।
सरकार ने ड्रोन के लिए देश के आकाश को तीन हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव रखा है
ग्रीन जोन: जहां पंजीकृत ड्रोन उड़ सकेंगे।
येलो जॉन: जहां सीमित अनुमति के साथ ही ड्रोन की उड़ान होगी।
रेड जोन: जहां ड्रोन उड़ान पूरी तरह वर्जित होगी।
1.जियो फेंसिंग: ताकि ड्रोन प्रतिबंधित इलाक़े में न जा सके।
2. स्वतः वापसी सुविधा: ताकि सिग्नल टूटने या बैटरी कम होने पर ड्रोन वापस लौट आए
3. अनुमति के बिना उड़ान न भरने की प्रणाली
4. टकराव से बचने के लिए सेंसर
ड्रोन चलाने वाले को तीसरे पक्ष के लिए बीमा कराना अनिवार्य होगा। किसी दुर्घटना की स्थिति में मौत होने पर ढाई लाख रुपए, गंभीर चोट पर एक लाख रुपए और संपत्ति के नुकसान पर वास्तविक मूल्य के बराबर मुआवज़ा देना होगा।
यह विधेयक ड्रोन उद्योग के लिए साफ़ कानूनी ढांचा तैयार करेगा। किसानों को खेतों की निगरानी, स्प्रे और सर्वे में सुविधा मिलेगी।ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियां ड्रोन डिलीवरी को बढ़ा सकेंगी। आम नागरिक और छोटे व्यवसाय भी सुरक्षित ढंग से ड्रोन इस्तेमाल कर सकेंगे।
यदि कानून बनता है तो ड्रोन टेक्नोलॉजी को नई उड़ान देता है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां भी जुड़ी हैं
1. क्या आम यूज़र इतनी सख़्त शर्तों और बीमा नियमों का पालन कर पाएगा?
2. क्या छोटे स्टार्टअप्स और किसान-उपयोगकर्ता के लिए यह कानून अवसर साबित होगा या बोझ?
3. क्या कड़े दंड से ड्रोन दुरुपयोग रुक सकेगा?
Updated on:
30 Sept 2025 02:53 pm
Published on:
30 Sept 2025 02:52 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग