दिल्ली हाईकोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Indian Army: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल (JAG) शाखा की महिला अधिकारियों द्वारा दायर याचिका पर महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) को मामले की जल्द से जल्द सुनवाई और निपटारे के निर्देश दिए हैं। ये महिला अधिकारी भारतीय सेना में स्थायी कमीशन (Permanent Commission) की मांग कर रही हैं। फिलहाल सभी अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) पर कार्यरत हैं। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी सेना में महिलाओं की भूमिका को लेकर चल रही लंबी कानूनी और संस्थागत बहस के बीच आई है, जिससे इस मुद्दे को एक बार फिर नया बल मिला है।
जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि चूंकि ये सभी अधिकारी वर्तमान में सेवा में हैं, इसलिए वे सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अधीन आती हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण अधिनियम, 2007 की धारा 14 के तहत यह मामला पूरी तरह AFT के अधिकार क्षेत्र में आता है। महिला अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जे. साईं दीपक पेश हुए। उन्होंने इस कानूनी स्थिति पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन उन्होंने कोर्ट से यह निवेदन किया कि मामले की तात्कालिकता और संवेदनशीलता को देखते हुए AFT को निर्देश दिया जाए कि वह जल्द से जल्द सुनवाई करे।
पीठ ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता अधिकारियों को यह स्वतंत्रता दी कि वे AFT से अपने मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध कर सकती हैं। कोर्ट ने यह भी उम्मीद जताई कि AFT इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए जल्द निपटारा करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक विशेष आदेश जारी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को नई याचिका दोबारा दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने निर्देश दिया कि मौजूदा याचिका को ही AFT की रजिस्ट्री में मूल आवेदन (Original Application) के रूप में दर्ज किया जाए और सुनवाई के लिए उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
पीठ ने दोनों पक्षों को 10 अक्टूबर को AFT की संबंधित पीठ के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उस दिन किसी भी प्रकार का स्थगन (Adjournment) नहीं मांगा जाएगा। साथ ही, हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि उसने इस मामले के गुण-दोष (Merits) पर कोई राय नहीं दी है, बल्कि केवल प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला अधिकारियों द्वारा दायर रिट याचिका का निपटारा कर दिया। अदालत का यह आदेश सेना में महिलाओं की समान अवसरों की मांग से जुड़ी कानूनी लड़ाई में एक और अहम कदम माना जा रहा है।
Published on:
07 Oct 2025 05:46 pm
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