अनिल अंबानी ग्रुप के CFO गिरफ्तार (X)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) के रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) पर धन शोधन (Money Laundering) के आरोपों में कड़ा रुख अपनाते हुए एक और गिरफ्तारी की है। रिलायंस पावर लिमिटेड के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार पाल (Ashok Kumar Pal) को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े मामले में की गई है, जो अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों से सीधे जुड़ी हुई है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि अशोक पाल को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हिरासत में लिया गया है। यह मामला ओडिशा आधारित कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिस पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने का आरोप है। इस रैकेट के जरिए ग्रुप की सहायक कंपनियों, जैसे रिलायंस एनयू बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) लिमिटेड (पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती) को फायदा पहुंचाया गया। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की गारंटी नकली पाई गई।
ईडी की जांच के अनुसार, बिस्वाल ट्रेडलिंक ने 8% कमीशन के बदले फर्जी गारंटी जारी कीं और अवैध धनराशि को कई अनडिस्क्लोज्ड खातों के जरिए रूट किया। जांच एजेंसी ने टेलीग्राम के डिसअपीयरिंग मैसेज फीचर का इस्तेमाल करके सबूत मिटाने के प्रयासों का भी पता लगाया। यह गिरफ्तारी जुलाई 2025 में ईडी द्वारा अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों पर छापेमारी के बाद हुई है, जिसमें 17,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड का मामला भी शामिल है।
इससे पहले, अगस्त 2025 में ईडी ने इसी 3,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस में बिस्वाल ट्रेडलिंक के मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जून 2025 में रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के खाते को 'फ्रॉड' घोषित कर सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी। इसके अलावा, सेबी ने अनिल अंबानी और ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारियों पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया है, जिसमें फंड डायवर्जन के आरोप लगाए गए हैं।
अनिल अंबानी का रिलायंस ग्रुप लंबे समय से वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल और रिलायंस पावर जैसी कंपनियां कर्ज के जाल में फंसी हुई हैं। ईडी की यह जांच रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस होम फाइनेंस और अन्य इकाइयों को कवर करती है, जहां 12,524 करोड़ रुपये के लोन दिए गए थे। एजेंसी अब बैंकों के अधिकारियों से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, ताकि क्रेडिट असेसमेंट और डिफॉल्ट के बाद की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा सकें।
अशोक पाल को जनवरी 2023 में रिलायंस पावर का सीएफओ नियुक्त किया गया था। ईडी ने कहा है कि इस गिरफ्तारी से जांच को नई दिशा मिलेगी और ग्रुप के अन्य अधिकारियों पर भी नजर रखी जा रही है। फिलहाल, पाल को ईडी की कस्टडी में रखा गया है, और कोर्ट में पेशी की जाएगी।
Updated on:
11 Oct 2025 10:10 am
Published on:
11 Oct 2025 09:48 am
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