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अदीना मस्जिद जाकर बुरी तरह से ट्रोल हुए युसूफ पठान, BJP के पलटवार के बाद यूजर्स भी बोले- ‘यह एक मंदिर…’

यूसुफ पठान ने पश्चिम बंगाल के मालदा में अदीना मस्जिद का दौरा किया और तस्वीरें शेयर कीं। भाजपा ने दावा किया कि यह मस्जिद नहीं, बल्कि आदिनाथ मंदिर है। इस पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें लोग मस्जिद के इतिहास और हिंदू प्रतीकों के बारे में बहस कर रहे हैं।

2 min read

भारत

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Mukul Kumar

Oct 18, 2025

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान। फोटो-X

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में मालदा के अदीना मस्जिद का दौरा किया था। इसके बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर मस्जिद के साथ अपनी एक तस्वीर भी शेयर किया। जिसको लेकर अब बवाल मच गया है।

युसूफ पठान का पोस्ट

गुरुवार को पठान ने प्राचीन मस्जिद की तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के मालदा में अदीना मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है, जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में इलियास शाही वंश के दूसरे शासक सुल्तान सिकंदर शाह ने कराया था।

पठान ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि 1373-1375 ई. में निर्मित यह मस्जिद अपने समय में भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी मस्जिद थी, जो इस क्षेत्र की स्थापत्य कला की भव्यता को दर्शाती है।

भाजपा ने तुरंत किया पलटवार

इस पोस्ट पर पश्चिम बंगाल में भाजपा ने तुरंत करारा जवाब दिया। पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि युसूफ पठान को अदीना मस्जिद के नाम में सुधार करने की आवश्यकता है। इसका नाम- 'आदिनाथ मंदिर है।'

इसके बाद, सोशल मीडिया यूजर्स भी युसूफ पठान को इस मामले में ट्रोल करने से पीछे नहीं रहे। कुछ यूजर्स ने लिखा कि पहली बार सांसद बने यह व्यक्ति जिस स्मारक का जिक्र कर रहे हैं, वह एक मंदिर के ऊपर बना है।

क्या है अदीना मस्जिद और आदिनाथ मंदिर का विवाद?

अदीना मस्जिद और आदिनाथ मंदिर का विवाद अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से और तेज हो गया है। हिंदू संगठन और कार्यकर्ता दावा करते हैं कि यह मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी।

वहीं, पुरातत्व सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (एएसआई) और कई इतिहासकार इसे एक इस्लामी स्मारक मानते हैं। कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं का कहना है कि 'अदीना' नाम वास्तव में 'आदिनाथ' (भगवान शिव का एक नाम) से विकृत हो गया है।

वे दावा करते हैं कि सिकंदर शाह ने 1369 ईस्वी में एक भव्य आदिनाथ मंदिर (शिव और विष्णु को समर्पित) को तोड़कर इसकी सामग्री (जैसे बेसाल्ट पत्थर, खंभे और मूर्तियां) का उपयोग मस्जिद बनाने के लिए किया। मंदिर परिसर में विष्णु मंदिर भी होने का उल्लेख है। स्थानीय लोग इसे कभी-कभी "आदिनाथ धाम" कहते हैं।

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