Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ, बेल्जियम कोर्ट ने दिया झटका

PNB Scam: बेल्जियम के एंटवर्प अपील कोर्ट ने मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देते हुए कहा, 'प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कोई कानूनी बाधा नहीं है।'

2 min read
Google source verification

भारत

image

Devika Chatraj

Oct 22, 2025

Mehul Choksi

मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ (ANI)

भगोड़े हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता लगभग साफ़ हो गया है। बेल्जियम के एंटवर्प अपील कोर्ट ने 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कोई कानूनी बाधा नहीं है और चोकसी पर लगे आरोप बेल्जियम कानून के तहत भी अपराध की श्रेणी में आते हैं। हालांकि, चोकसी को अब 15 दिनों के अंदर बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत में अपील दायर करने का मौका मिलेगा, जिससे उसकी तत्काल वापसी में देरी हो सकती है।

प्रत्यर्पण को सही ठहराते हुए कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में चोकसी की अप्रैल 2025 में हुई गिरफ्तारी को वैध करार दिया। जजों डी. थिस, के. लेनेर्स और आई. अर्नाउट्स ने कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, बल्कि विदेशी है और उसके खिलाफ लगे आरोप जैसे आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और भ्रष्टाचार बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने 'ड्यूल क्रिमिनलिटी' (दोहरी आपराधिकता) के सिद्धांत को मान्यता दी, यानी ये अपराध भारत के साथ-साथ बेल्जियम के कानून (अनुच्छेद 66, 196, 197, 213, 240 आदि) के तहत भी दंडनीय हैं। हालांकि, भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करने) से जुड़े आरोप को बाहर रखा गया, क्योंकि यह बेल्जियम में अपराध नहीं माना जाता।

भारतीय जांच एजेंसियों ने पेश किए सबूत

भारतीय जांच एजेंसियों सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED)की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने चोकसी की भूमिका को 'आपराधिक गिरोह में शामिल होना, धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल' करार दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जुलाई 2024 में चोकसी का पता बेल्जियम में लगाया था और उसके बाद औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था।

चोकसी के दावों को झटका

चोकसी ने कोर्ट में कई दलीलें दीं, जिनमें एंटीगुआ से उसके कथित अपहरण का दावा शामिल था। उसने कहा कि भारत लौटने पर उसे राजनीतिक प्रताड़ना, अमानवीय व्यवहार और निष्पक्ष सुनवाई का खतरा है। उसकी वकील टीम ने विशेषज्ञ रिपोर्ट्स, अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज और मीडिया कवरेज का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है। लेकिन कोर्ट ने सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया।

भारत का बेल्जियम कोर्ट को आश्वासन

भारत सरकार ने बेल्जियम को विस्तृत आश्वासन दिए हैं। चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां दो सेल और सैनिटेशन सुविधाएं उपलब्ध हैं। जेल की जगह यूरोपीय मानकों (CPT) के अनुरूप है। बाहर ले जाने पर केवल चिकित्सकीय जरूरत या अदालती पेशी के लिए इजाजत होगी। चोकसी को कैंसर उपचार के लिए मेडिकल सुविधा भी सुनिश्चित की गई है। गृह मंत्रालय ने 4 सितंबर को एक संप्रेषण में इन बातों की पुष्टि की।

क्या था PNB घोटाला?

मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर 2018 में सामने आए पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोप है। दोनों ने फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) के जरिए बैंक से 13,578 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और विदेश भाग गए। चोकसी पर अकेले 6,400 करोड़ का फ्रॉड माना जाता है। भारतीय दंड संहिता की धाराएं 120बी (आपराधिक साजिश), 409 (विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ली, लेकिन भारत में उसकी जिम्मेदारी बरकरार है। नीरव मोदी फिलहाल लंदन जेल में प्रत्यर्पण मुकदमे का सामना कर रहा है।