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मेरे पिता राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं: CM सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने ऐसा क्यों कहा

Karnataka politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि उनके पिता अपने राजनीतिक जीवन के अं​तिम पड़ाव पर हैं।

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Siddaramaiah son Yathindra

सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र (Photo-IANS)

Karnatakapolitics: बीते कुछ महीने से कर्नाटक कांग्रेस में काफी उथल पुथल चल रही है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि उनके पिता अपने राजनीतिक जीवन के अं​तिम पड़ाव पर हैं। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन और सत्ता-साझाकरण समझौते की चर्चाओं की अफवाहों के बीच ये बयान महत्वपूर्ण हो गए हैं।

'राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं सिद्धारमैया'

यतींद्र सिद्धारमैया ने बेलगावी जिले के रायबाग तालुक के कप्पलागुड्डी गांव में कनकदास की मूर्ति के अनावरण समारोह में बोलते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज मेरे पिता अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं। वे अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं। इस समय वैज्ञानिक और प्रगतिशील विचारों को अपनाने वालों के लिए लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली जिम्मेदारी लेंगे और नेतृत्व प्रदान करेंगे।

मंत्री सतीश जारकीहोली लेंगे जिम्मेदारी

सीएम के बेटे यतींद्र ने आगे कहा कि मंत्री सतीश जारकीहोली कांग्रेस पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वालों को राह दिखाने का बीड़ा उठाएंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि वे इस मामले में मिसाल कायम करेंगे। विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध नेता मिलना दुर्लभ है। मंत्री सतीश ने यह जिम्मेदारी संभाली है और मैं उनसे इस दिशा में अपना काम जारी रखने का अनुरोध करता हूं।

राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज

इस बयान ने प्रदेश के राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है, क्योंकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार के खेमे के विधायक और समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया जाना चाहिए।

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार कई मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अंतिम फैसला आलाकमान लेगा। इस बीच, सिद्धारमैया खेमा इस बात पर अड़ा है कि फैसला विधायकों की राय के आधार पर होना चाहिए।