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मनीष चतुर्वेदी
जयपुर। राजधानी में जनता क्लिनिकों की निविदा प्रकिया में धांधलेबाजी सामने आ रही है। एक ब्लैक लिस्टेड फर्म को संविदा कर्मचारियों को काम कराने का टैंडर मिला है। मामला सीएमएचओ प्रथम के अधीन है। ऐसे में ब्लैक लिस्टेड फर्म को टैंडर कैसे मिला, यह सवालों के घेरे में है।
मामला अक्सा कन्सटक्शन एंड लेबर सप्लायर्स का है। जिसे हाल में जयपुर में जनता क्लिनिकों में संविदा कर्मचारियों का टैंडर मिला है। आयुष्मान भारत योजना के तहत संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर परम धनम (जनता क्लिनिक) के नाम से चल रहे है। हेल्थ को लेकर सरकार की ओर से जनता क्लिनिकों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते है। ताकी मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
अक्सा कन्सटक्शन एंड लेबर सप्लायर्स को जोधपुर में जिला आबकारी अधिकारी की ओर से तीन साल के लिए डी बार किया गया था। विभाग की ओर से फर्म के काम को संतोषजनक नही होने का हवाला देते हुए डी बार आदेश निकाले गए थे। जिसमे फर्म की धरोहर राशि को जब्त करते हुए इसे डी बार किया गया था।
28 मार्च 2025 को अक्सा कन्सटक्शन एंड लेबर सप्लायर्स को आबकारी विभाग ने डी बार किया। 7 महीने भी पूरे नहीं हुए, इससे पहले फर्म ने दूसरा टैंडर पास करा लिया। इस बार फर्म ने आबकारी में नहीं तो स्वास्थ्य विभाग में टैंडर पास करा लिया।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम की ओर से 30 मई 2025 को ई निविदा सूचना जारी की गई। जिसमें 34 नंबर की शर्त पर साफ लिखा था कि 100 रुपए के स्टांप पर किसी भी विभाग से ब्लैक लिस्ट नहीं होने का प्रमाण पत्र दिया जाए। फिर अक्सा कन्सटक्शन एंड लेबर सप्लायर्स ने ब्लैक लिस्ट होने का प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया। वहीं ब्लैक लिस्टेड फर्म को टैंडर कैसे मिल गया।
सवाल : अक्सा कन्सटक्शन एंड लेबर सप्लायर्स को टैंडर मिला है। क्या यह ब्लैक लिस्ट है।
जवाब : यह फर्म ब्लैक लिस्ट नहीं है। मैंने इसकी जांच कराई है।
सवाल : जांच कब कराई, टैंडर मिलने के बाद या पहले।
जवाब : जांच बाद में कराई गई। फर्म ने मुझे जोधपुर से आदेश लाकर दिए है। जिसमें लिखा हुआ है कि यह फर्म ब्लैक लिस्ट नहीं है।
सवाल : क्या आप यह आदेश मुझे भेज सकते है, जिसमें लिखा है कि फर्म ब्लैक लिस्ट नहीं है।
जवाब : मैं आपको नहीं भेज सकता हूं। यह आफिशियल है।
सवाल : आपके निविदा शर्तों में शामिल था कि 100 रुपए के स्टांप पर किसी भी विभाग से ब्लैक लिस्ट नहीं होने का प्रमाण पत्र दिया जाए। फर्म ने दिया था क्या।
जवाब : फर्म ने ब्लैक लिस्ट होने का प्रमाण पत्र नहीं दिया था।
सवाल : फिर आपको कब मालूम चला कि फर्म ब्लैक लिस्ट है।
जवाब : मुझे बाद में मालूम चला था, फिर मैंने जांच कराई थी।
मामले के अनुसार सीएमएचओ जयपुर प्रथम की ओर से अक्सा कंस्ट्रक्शन एंड लेबर सप्लायर्स और जीएस एंड कंपनी को टैंडर दिया गया है। एक सितंबर 2025 से दोनो कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया है। इससे पहले अमर एसोसिएट प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए कर्मचारी काम कर रहे थे। लेकिन इस बार अमर एसोसिएट ने टैंडर के लिए अप्लाई ही नहीं किया। जिसके चलते उसका टैंडर समाप्त हो गया। जयपुर में 42 जनता क्लिनिक है। दोनों फर्मों को 21-21 जनता क्लिनिकों का टैंडर मिला है।
Updated on:
03 Oct 2025 11:34 am
Published on:
03 Oct 2025 11:19 am
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