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जयपुर। नवीन आपराधिक कानून के अमल में आने के बाद पुलिस की तैयारी भी बदल रही है। नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और लोक जागरूकता के लिए आयोजित की जा रही पुलिस प्रदर्शनी के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों और विभिन्न कानूनी हितधारकों के लिए सत्रों की एक श्रृंखला चल रही है। इन विशेष सत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर फॉरेंसिक साक्ष्य, कानून प्रवर्तन की आधुनिक चुनौतियों पर देश के शीर्ष विशेषज्ञों द्वारा गहन चर्चा की जा रही है। जिसका उद्देश्य पुलिस बल को नए कानूनी और तकनीकी युग के लिए पूरी तरह से तैयार करना है। इन तकनीकी सत्रों की मॉनिटरिंग खुद एडीजी और आरपीए डायरेक्ट एस सेंगाथिर कर रहे हैं।
तकनीकी सत्रों की शुरुआत नवीन तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विषय पर आयोजित सत्र से हुई। इंडिपेंडेंट रिसर्चर क्षितिज वर्मा ने AI की वर्तमान स्थिति और पुलिसिंग में इसके अनुप्रयोगों पर जानकारी दी। सत्र में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस एवं एसओजी वी. के. सिंह ने पुलिस कार्यप्रणाली में AI के उपयोग तथा नवीन कानूनों के आलोक में आने वाली चुनौतियों का सामना करने पर अपने विचार रखे। इस महत्वपूर्ण इंटरैक्शन में निदेशक राजस्थान पुलिस अकादमी एस. सेंगथिर, आईजी एससीआरबी अजय पाल लाम्बा, निदेशक इंटेलिजेंस प्रशिक्षण अकादमी प्रदीप मोहन शर्मा और उपमहानिरीक्षक पुलिस एसओजी परिस देशमुख सहित लगभग 160 पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
अगली कड़ी में नवीन आपराधिक कानून तथा एफएसएल की भूमिका पर एक पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। इस सत्र में आरपीएस प्रशिक्षु अधिकारियों तथा नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भाग लिया। पैनल में डायरेक्टर एफएसएल जयपुर अजय शर्मा, सेवानिवृत्त डायरेक्टर एफएसएल एस.एस. डागा और कैंपस डायरेक्टर एनएफएसयू राखी अग्रवाल शामिल थे। विशेषज्ञों ने एफएसएल की बदलती भूमिका पर प्रकाश डाला और 120 प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके साथ गहन संवाद किया।
बीकानेर रेंज के पुलिस अधिकारियों तथा जेल विभाग के अधिकारियों का एक विशेष पैनल डिस्कशन आयोजित हुआ। इसमें महानिरीक्षक जेल जयपुर विक्रम सिंह ने नवीन कानूनों तथा जेल सुधारों के लिए अपनाए जा रहे नवाचारों के संबंध में जानकारी दी। इस सत्र में 190 अधिकारियों ने भाग लिया।
गुरुवार को उदयपुर रेंज के पुलिस अधिकारियों का सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में नवीन कानूनों के प्रमुख प्रावधानों, तकनीकी और फॉरेंसिक साक्ष्य विषय पर चर्चा हुई। सहायक निदेशक अभियोजन रमेश चौधरी और पुलिस निरीक्षक धीरज वर्मा ने विधिक प्रावधानों पर चर्चा की। इस सत्र में कांस्टेबल से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर तक के 180 अधिकारियों ने भाग लिया, जहां उन्होंने नवीन कानूनों के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।
Updated on:
16 Oct 2025 08:40 pm
Published on:
16 Oct 2025 08:39 pm
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