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रेलयात्रियों के लिए गुड न्यूज: अब ट्रेन में कंबल के साथ मिलेगा सांगोनर-बगरू प्रिंटेड कवर; यहां से शुरू होगा प्रोजेक्ट

Rajasthan News: केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को दिवाली पर्व से पहले यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिहाज से ट्रेन में एसी कोच में सांगोनर-बगरू प्रिंटेड कंबल कवर देने की शुरुआत की।

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Union Railway Minister Ashwini Vaishnav

फोटो- पत्रिका

Rajasthan News: रेलवे में स्वच्छता और गुणवत्ता सुधार की दिशा में लगातार नवाचार किए जा रहे हैं। एक दक्षिण कोरिया कंपनी के सीईओ ने जब मुझे ‘राम राम सा’ कहा, तब महसूस हुआ कि भारतीय संस्कृति का विश्वभर में दबदबा है। यह उदबोधन गुरुवार को केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को जगतपुरा स्थित खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर दिए।

इस मौके पर उन्होंने दिवाली पर्व से पहले यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिहाज से ट्रेन में एसी कोच में सांगोनर-बगरू प्रिंटेड कंबल कवर देने की शुरुआत की। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले जयपुर असरवा (अहमदाबाद) ट्रेन के एसी श्रेणी में सुविधा साथ ही 65 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का भी लोकार्पण किया।

प्रिंटेड कंबल कर पर सांगानेर-बगरू डिजाइन

खास बात यह है कि प्रिंटेड कंबल कर पर सांगानेर और बगरू डिजाइन भी जयपुर की है। रेल मंत्री ने कहा कि लंबे समय से ट्रेनों में कंबल ऐसे ही दिए जा रहे थे। कई बार ओढ़ने में मन में यात्रियों के संशय रहता था कि साफ होगा या नहीं, लेकिन अब कवर लगाकर कंबल ओढ़ सकेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक ट्रेन में कंबल कवर की शुरुआत की गई है। यह प्रयोग सफल रहा तो देशभर में पारंपरिक प्रिंटस को बढ़ावा देने के साथ ही यह पहल शुरू की जाएगी।

छोटे स्टेशनों पर सुविधाओं का विस्तार

रेल मंत्री ने कहा कि छोटे स्टेशनों पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जानकारी के लिए साइन बोर्ड, फुल लेंथ प्लेटफार्म बनाने समेत विभिन्न सुविधाओं का 65 स्टेशनों पर लोकार्पण किया गया है। स्टेशनों पर डिजिटल साइन बोर्ड व कोच पोजिशन डिस्प्ले सिस्टम लगाए गए हैं। इसके साथ ही कई स्टेशनों पर एकीकृत यात्री सूचना प्रणाली सिस्टम भी शुरू किया है। जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाडी, बगरू विधायक कैलाश वर्मा, उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ समेत रेलवे के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

गौरतलब है कि उत्तर पश्चिम रेलवे पर 77 रेलवे स्टेशनों पर लगभग चार हजार करोड़ रुपए की लागत से अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुर्नविकास कार्य किया जा रहे हैं। पांच रेलवे स्टेशनों को पुर्नविकसित कर आमजन के लिए उपलब्ध करवा दिए गए हैं। शेष स्टेशनों पर भी तीव्र गति से कार्य चल रहा है।