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Motivational Story: 50 रुपए में की दिहाड़ी मजदूरी, घर-घर जाकर बेची सब्जियां, पढ़ें बाड़मेर के इस RAS अधिकारी की प्रेरणादायक कहानी

10वीं तक पढ़ाई करते हुए पवन ने जोधपुर में प्रतिदिन 50 रुपए की मजदूरी भी की। इसके बाद उन्होंने निजी संस्थान से BA की पढ़ाई की। 2012 में आर्मी में चपरासी और 2013 में रेलवे में गनमैन की नौकरी का अवसर भी मिला।

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Photo: Patrika

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जारी हुआ है, जिसमें कई RAS की कहानी बड़ी प्रेरणादायक है। वहीं 2021 की भर्ती परीक्षा में चयनित बाड़मेर के पवन कुमार प्रजापत की कहानी भी असली संघर्ष को दिखाती है।

पवन कुमार का बचपन आर्थिक कठिनाइयों में बीता। सरकारी स्कूल से उन्होंने 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की और तभी परिवार की मदद के लिए काम शुरू कर दिया। गांव की गलियों में घर-घर सब्जियां बेचकर घर का खर्च चलाते थे।

50 रुपए की मजदूरी और पढ़ाई का साथ

10वीं तक पढ़ाई करते हुए पवन ने जोधपुर में प्रतिदिन 50 रुपए की मजदूरी भी की। इसके बाद उन्होंने निजी संस्थान से BA की पढ़ाई की। 2012 में आर्मी में चपरासी और 2013 में रेलवे में गनमैन की नौकरी का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने अपनी मंजिल RAS बनने के लिए इन अवसरों को छोड़ा।

2014 में पटवारी के रूप में चयनित होने के बाद भी पवन का सपना RAS बनने का था। 2016 में एलआरओ पद पर चयन हुआ लेकिन उन्होंने RAS की तैयारी जारी रखी। 2018 में पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली लेकिन हार नहीं मानी।

2021 में मिली सफलता

कड़ी मेहनत और अनुशासन के दम पर पवन कुमार प्रजापत ने 2021 की राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 170वीं रैंक हासिल की। अब वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और अपनी कहानी से लाखों युवाओं को यह संदेश देते हैं कि कठिनाइयों में भी हौसला और मेहनत से सफलता संभव है।


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