बालोतरा पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। फोटो- पत्रिका
बालोतरा। साइबर अपराधियों के खिलाफ बालोतरा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने विशेष अभियान 'ऑपरेशन ब्लैक सिम' के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी सिम कार्ड बनाने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन महीने तक चले विशेष अभियान के बाद सामने आया कि इस गिरोह ने करीब 50 हजार फर्जी सिम कार्ड जारी किए थे। पुलिस ने कार्रवाई में 19 मोबाइल, 3 लैपटॉप बरामद किए और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
बालोतरा पुलिस अधीक्षक रमेश ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर साइबर अपराधों की रोकथाम और फर्जी सिम कार्ड से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। इस गिरोह का संचालन संदीप ने शुरू किया था। उसने बालोतरा और पचपदरा में सिम कार्ड वितरकों से संपर्क कर अपना नेटवर्क बनाया।
मुख्य सरगना जयपुर निवासी लोकेश बालोतरा सहित जालोर, सिरोही, टोंक, जयपुर और धौलपुर जिलों से फर्जी सिम मंगवाता था। गिरोह हजारों सिम कार्ड विभिन्न लोगों के नाम पर बिना उनकी जानकारी के जारी कर, उन्हें अवैध गतिविधियों जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी, मादक पदार्थ तस्करी और अन्य संगठित अपराधों में उपयोग कर रहा था।
पुलिस के अनुसार आरोपी मोबाइल कंपनी के एजेंट और डिस्ट्रिब्यूटर से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों से नए सिम कार्ड एक्टिवेट करते थे। ग्राहक का फोटो लेकर उस पर नई कंपनी का सिम एक्टिवेट करते और बाद में वही सिम अन्य अपराधियों को ऊंचे दाम पर बेच देते थे।
दरअसल जब भी ग्राहक नया सिम, केवाईसी या फिर पोर्ट करवाने आता था, तो उस वक्त गिरोह प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे फेल बता देता था। इसी वक्त ग्राहक की आईडी ने दूसरी कंपनी की सिम जारी कर ली जाती थी। इसके बाद वे एक सिम ग्राहक को देते, वहीं दूसरी सिम अपने पास रख लेते थे।
पुलिस ने जिन 10 आरोपियों को पकड़ा है, उनमें प्रमुख रूप से एजेंट, रिटेलर और फर्जी सिम बेचने वाले शामिल हैं। पुलिस ने गिरोही के विक्रम कुमार निवासी-बालोतरा, संदीप कुमार निवासी-बालोतरा, लोकेश जाजोरिया निवासी- जयपुर ग्रामीण, हरीशचंद्र निवासी-शिव, राहुल निवासी-बालोतरा, मोहनगिरी निवासी-बालोतरा, राकेश चौधरी निवासी-बालोतरा, नारायण निवासी-बालोतरा, मुकेश कुमार निवासी-जसोल और भीमसिंह निवासी-जोधपुर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि मुख्य सरगना लोकेश लग्जरी लाइफ जीता था। उसके पास 7 महंगे मोबाइल फोन थे, जिनकी कीमत 2-2 लाख रुपए के करीब थी। वहीं उसके पास बुलेट और एक बाइक भी मिली है। गिरोह ने भामाशाह योजना के तहत मिले मोबाइल फोन को लोगों से खरीदा था। संदीप इन मोबाइल को लोकेश तक पहुंचाने का काम करता था।
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पुलिस ने बताया कि साइबर टीम और तकनीकी विश्लेषण इकाई की लगातार निगरानी से यह कार्रवाई संभव हो सकी। टीम में इंस्पेक्टर गोविंद सिंह भाटी, एसआई सुशील कुमार, साइबर सेल कांस्टेबल मोहनलाल और अन्य अधिकारियों की विशेष भूमिका रही। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल किन आपराधिक गतिविधियों में हुआ था।
Updated on:
17 Oct 2025 03:54 pm
Published on:
17 Oct 2025 03:37 pm
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