इस हार से बीजेपी नेतृत्व से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक सभी स्तब्ध रह गए थे। विपक्ष ने इस मौके को भुनाते हुए तंज कसा कि जो पार्टी भगवान राम के नाम पर राजनीति करती है, वह उनके ही घर में हार गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विजेता समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को अपने पास बैठाकर एक खास संदेश दिया।
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी। आधे से ज्यादा मंत्रिमंडल को मैदान में उतारा गया और हर घर तक पहुंचकर पार्टी का संदेश दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं चुनाव प्रचार की कमान संभाली। परिणामस्वरूप, बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने बड़े अंतर से जीत हासिल की और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त दी। इस जीत से बीजेपी ने साबित कर दिया कि यूपी में उसकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में बीजेपी ने उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन किया। पार्टी ने नौ में से 7 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की और समाजवादी पार्टी (सपा) को करारा जवाब दिया। खास बात यह रही कि 30 साल बाद कुंदरकी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की, जो पार्टी के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि थी। हालांकि, उस समय मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव नहीं हो पाया क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित था। लेकिन जब चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर उपचुनाव की तारीख घोषित की, तो योगी आदित्यनाथ फिर से सक्रिय हो गए।
बीजेपी अब इस उपचुनाव में मिली जीत को आगे भुनाने की कोशिश करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर रहेगा। बीजेपी की रणनीति अब बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने, विपक्ष के गढ़ में सेंध लगाने और जनता से सीधा संवाद स्थापित करने पर केंद्रित रहेगी। फैजाबाद की हार से सबक लेते हुए पार्टी ने यह साबित कर दिया है कि वह चुनौतियों से सीखकर आगे बढ़ने में सक्षम है।
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Published on:
08 Feb 2025 05:49 pm