
कोतवाली पुलिस की सटीक कार्रवाई से नशे के नेटवर्क की परतें खुलने की उम्मीद (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Ayodhya Police Busts Drug Racket: रामनगरी अयोध्या में तेजी से फैलते नशे के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान में थाना कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार सुबह 23 अक्टूबर को परिक्रमा मार्ग पर कोतवाली पुलिस की टीम ने 53 ग्राम अवैध स्मैक के साथ एक महिला तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे क्षेत्रीय नेटवर्क का हिस्सा माना है, जिस पर टूटते ही स्थानीय नशे के संचालन में बड़ी हलचल मची हुई है।
थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम ने परिक्रमा मार्ग-भी गई होती विशेष गश्त के दौरान संदिग्ध महिला पर नजर रखी। बड़ी छावनी मोड़ पर टीम ने घेराबंदी की और संदिग्ध को हिरासत में लिया। तलाशी के दौरान उसके कब्जे से 53 ग्राम स्मैक बरामद हुई , यह वही “ज़हर” है जो कथित रूप से युवाओं की नसों में जहर बनकर बह रहा था। गिरफ्तार महिला की पहचान सावित्री सोनी पत्नी बसंत सोनी, निवासी ब्लॉक नंबर 64, कमरा 1021, काशीराम कॉलोनी, थाना कोतवाली अयोध्या के रूप में हुई है। पुलिस का दावा है कि वह लंबे समय से स्थानीय नशे के कारोबार में सक्रिय रही है।
पुलिस वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सावित्री सोनी एक स्थानीय नेटवर्क का हिस्सा रही है जो मुख्य रूप से गरीब-और-कम-सूचित इलाकों में सक्रिय था। इनमें युवाओं को निशाना बनाया जाता था, स्मैक सप्लाई की जाती थी और इसके बदले नुकसानदेह जुड़ाव छुपे नेटवर्क तक पहुँचता था। इस गिरफ्तारी को पुलिस ने न केवल एक व्यक्ति की ओर कार्रवाई माना है बल्कि एक संकेत माना है कि नेटवर्क की अन्य परतों की जांच और ब्रेकअप संभव है। एसएसपी डॉ0 गौरव ग्रोवर ने कहा है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और नशे के कारोबारियों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।
यह गिरफ़्तारी इसलिए विशेष है क्योंकि अयोध्या जैसी पवित्र नगरी में भी नशे के कारोबार की मौजूदगी सामने आई है। यह दर्शाता है कि सामाजिक-धार्मिक केन्द्रों के आसपास भी नशे के कहर को नियंत्रित करना कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ आर्थिक कीमत पर नहीं, बल्कि सामाजिक नुकसान को ध्यान में रखकर यह अभियान किया जा रहा है। कार्रवाई का संदेश स्पष्ट है , “रामनगरी में नशे का काला साया बर्दाश्त नहीं होगा।
हालाँकि यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है, लेकिन आगे बड़ी चुनौतियां सामने हैं। 53 ग्राम स्मैक की कीमत कम हो सकती है, लेकिन यह संकेत है कि नेटवर्क का छोटा-मोटा हिस्सा ही पकड़ा गया है और स्रोत व वितरण चेन को खोलना जरूरी है। अयोध्या-काशीराम कॉलोनी-थाना कोतवाली जैसे इलाके में पुनरावृत्ति की संभावना है, इसलिए निरंतर गश्त, सूचना तंत्र और सामाजिक जागरूकता जरूरी है। तस्करों द्वारा युवाओं को फँसाना जारी हो सकता है,इसलिए स्कूल-कॉलेज, परिवार और सामाजिक समूहों में नशा विरोधी शिक्षा व कार्यक्रम बढ़ाना पड़ेगा।
नशे-मुक्ति सिर्फ पुलिस का काम नहीं है, बल्कि समाज और समुदाय की जिम्मेदारी भी बनती है। अयोध्या की धार्मिक-पर्यटन-भूमि के रूप में पहचान को बढ़ाने के साथ-साथ वहाँ की स्थानीय आबादी को सुरक्षित-सशक्त बनाना भी महत्वपूर्ण है। स्कूलों में नशा-प्रवेश रोकने की शिक्षा दी जानी चाहिए, rehabilitation-centre की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए और परिवारों को जागरूक किया जाना चाहिए कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे परिवार का विनाश हो सकता है।
Published on:
24 Oct 2025 05:08 pm
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