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करौली. जिले के पांचना बांध से छोड़े गए पानी से एक बार फिर भरतपुर जिले के विश्वविख्यात केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान घना में खुशियां छलक उठी हैं। करौली क्षेत्र में बीते दिनों में हुई झमाझम बारिश के बाद पांचना बांध से गंभीर नदी में छोड़ा जा रहा पानी भरतपुर के घना तक पहुंच गया। ऐसे में पांचना का पानी घना के परिंदों की प्यास बुझाएगा। साथ ही वहां का जलस्तर भी बढ़ सकेगा। गौरतलब है कि करौली जिले में इस बार शुरूआती दौर से ही मानसून मेहरबान रहा है। बीते एक महिने से अधिक की अवधि में मानसून ने जिले को खूब भिगोया है। अब तक जिले में 548.3 एमएम बारिश हो चुकी है। पांचना बांध के कैचमेंट एरिया में भी जबरदस्त बारिश का दौर चला है। करौली में 646 एमएम तो पांचना बांध क्षेत्र में 635 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। जिसके चलते इस बार आषाढ़ माह में ही बांध लबालब हो गया और गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी की निकासी करनी पड़ी। इस मानसून में वर्तमान में तीसरी बार गेट खोलकर पानी की निकासी जारी है।
गत वर्ष पांचना से घना को मिला था 600 एमसीएफटी पानी : पांचना बांध का पानी पक्षियों के लिए अमृत सरीखा माना जाता है, क्योंकि इसमें उनके लिए भरपूर प्राकृतिक भोजन होता है, जिसे घना के प्रवासी पक्षी बड़े चाव से खाते हैं। पांचना बांध का पानी वर्ष 2024 में करीब 600 एमसीएफटी की मात्रा में घना तक पहुंचा था। हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों ने भरतपुर के घना में डेरा डाला था। लगातार दूसरे वर्ष भी पांचना से घना तक पानी पहुंचा है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। पांचना का पानी घना के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है। घना को एक सर्दी के सीजन के लिए करीब 550 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है।
तीन बार खुले गेट: आठ दिन से पानी निकासी जारी
इस मानसून सीजन में पांचना बांध के तीन बार गेट खोलकर निकासी करनी पड़ी है। पहली बार 9 जुलाई की शाम को दो गेट खोलकर पानी निकासी शुरू की गई थी। 10 जुलाई को दोपहर डेढ़ बजे बांध में पानी आवक थमने पर गेट बंद कर दिए गए, लेकिन इसी दिन रात करीब 9 बजे फिर बांध में पानी बढ़ गया, ऐसे में दो गेट खोलकर 11 जुलाई सुबह तक पानी गंभीर नदी में निकाला गया। इसके बाद वर्तमान में 13 जुलाई से बांध में पानी की आवक लगातार जारी है, जिसके चलते बीते आठ दिन से बांध के गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच कभी एक, कभी दो और 18 जुलाई की रात को तीन व चार गेट खोलकर पानी निकासी की गई। हालांकि 19 जुलाई को सुबह दो गेट बंद कर दिए, जबकि दो गेटों से पानी निकासी रविवार शाम तक जारी रही। इस अवधि में कभी कम तो कभी ज्यादा मात्रा में पानी की निकासी की गई है। रविवार शाम 5 बजे तक बांध से 1540 एमसीएफटी पानी की निकासी हो चुकी।
अजान बांध से पहुंचता है पानी
पांचना बांध से छोड़ा गया पानी पहले गंभीर नदी में जाता है। गंभीर नदी होते हुए भरतपुर जिले के अजान बांध पहुंचता है, जहां से पानी घना के लिए छोड़ा जाता है। अजान बांध में पांचना बांध का पानी पहुंच गया है। इसके बाद शनिवार रात डाकन मोरी के जरिए यह पानी घना में ले लिया गया।
पांचना से घना को कब-कब मिला पानी
वर्ष पानी
2016 457 एमसीएफटी
2018 10 एमसीएफटी
2021 225 एमसीएफटी
2022 132 एमसीएफटी
2023 निल
2024 600 एमसीएफटी
इनका कहना है
करौली जिले में मानसून खूब मेहरबान रहा है। पांचना बांध में पानी की आवक हुई, जिससे गेट खोलकर लगातार पानी की निकासी करनी पड़ी है। अब तक करीब 15४० एमसीएफटी पानी की निकासी गंभीर नदी में की जा चुकी है। यह पानी भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान (घना) तक पहुंच गया है। गत वर्ष भी घना तक पानी पहुंचा था।
सुशील कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, करौली