हिण्डौनसिटी. रोडवेज डिपो कार्यालय को बारिश के सीजन में अस्थाई तौर पर करौली शिफ्ट करने के मुख्यालय के आदेश को लेकर शुक्रवार अपराह्न कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विधायक अनीता ने रोडवेज डिपो पहुुंच कर भवन की जायजा लिया और मुख्य प्रबंधक अशोक शर्मा के समक्ष बेवजह कार्यालय को करौली लेजाने की कवायद पर रोष जताया। इस दौरान रोडवेज डिपो के ज्यादातर कर्मचारी कार्यालय के अस्थाई शिफ्टिंग को लेकर विरोध में खड़े हो गए।
दरअसल झालावाड़ के पीपलोदी के हादसे के बाद सरकार के जर्जरहाल सरकारी भवनों को लेकर खास गंभीरता बरत रही है। बीते वर्ष शहर के अतिवृष्टि से बाढ़ जैसे हालातों में डिपो परिसर में जलभराव के पूर्व अनुभव के चलते मुख्य प्रबंधक ने रोडवेज मुख्यालय को फोन व लिखित में भवन के जर्जर होने व छत से पानी टपकने से अवगत कराया था। रोडवेज मुख्यालय कार्यकारी प्रबंधक (निर्माण) एनके जोशी ने 29 जुलाई को पत्र भेज कर हिण्डौन आगार स्थित कार्यालय को सुरक्षा एवं सुगम संचालन के लिए अधीनस्थ करौली आगार में उपलब्ध परिसर में संचालित करने के आदेश जारी कर दिए। शुक्रवार को मुख्यालय के आदेश के खुलासे के बाद रोडवेजकर्मियों में कार्यालय शिफ्टिंग की तैयारी को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई। मामला राजनीतिक गलियारों में पहुंचने पर विधायक अनीता, शहर ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पार्षद ब्रजकिशोर शर्मा, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष देवीसहाय दत्तात्रेय, अजीत सिंह सहित अनेक लोग डिपो कार्यालय पहुंच गए। विधायक ने डिपो के मुख्य प्रबंधक से कहा कि शहर में इस बार जलभराव की स्थिति नहीं है। 48 वर्ष पुरानी रोडवेज डिपो को इस प्रकार शिफ्टिंग कराना ठीक नहीं है। इधर रोडवेज श्रमिक संगठन के अध्यक्ष धारासिंह गुर्जर व बीएमएस सेवानिवृत रोडवेजकर्मचारी संघ के लतीफ खान ने कार्यालय के करौली ले जाने को अनुचित बताया है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव कुमार सैनी व जिला पदाधिकारी दिलीप गुप्ता ने कहा कि यदि डिपो भवन में कुछ खामी है तो मरम्मत पूरी होने से स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक तौर पर दूसरे स्थान पर कक्ष लिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि तत्कालीन सवाईमाधोपुर जिला में रोडवेज सेवाओं विस्तार के लिए वर्ष 1976 में हिण्डौन डिपो का स्थापित किया गया था।
मरम्मत में खर्चे 25 लाख, फिर भवन जर्जर कैसे
पार्षद ब्रजकिशोर ने बताया कि आपदा प्रबंधन के तहत रोडवेज डिपो परिसर में 25 लाख रुपए की लागत से मरम्मत कार्य हुआ है। फर्श व दीवारों पर टाइल, दीवार व छत पर प्लास्टर के साथ हाल ही में रंगाई पुताई कार्य किया गया है। कुछ कार्य होना अभी शेष बताया जा रहा है। ऐसे में भवन को जर्जर हाल बताना मरम्मत कार्य की सहीं मॉनीटरिंग नहीं होने को दर्शाता है।
इनका कहना है
भवन की मौजूदा स्थिति से मुख्यालय को अवगत कराने के बाद कार्यालय के अस्थाई शिफ्टिंग का आदेश मिला है। कार्मिकों की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। आदेश के मुताबिक बारिश के बाद पूर्ववत कार्यालय का संचालित किया जाएगा।
अशोक कुमार शर्मा, मुख्य प्रबंधक
रोडवेज डिपो हिण्डौन