कोनोकार्पस का पेड़ लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही पर्यावरण के लिए भी प्रतिकूल बताया गया है। कोनोकापर्स के पेड़ अस्थमा, सर्दी और खांसी का कारण बनते हैं। इस तरह से लोगों का इस पेड़ के नीचे बैठकर योगा करना या कोई दूसरी एक्टिविटी करना नुकसान दायक है। कोनोकार्पस के पेड़ जमीन से पानी भी दूसरे पेड़ की अपेक्षा अधिक खींच लेते हैं। Conocarpus banned in other states यही वजह है कि दूसरे राज्यों के वन विभाग की ओर से इस प्रजाति के पेड़ लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जमीन के भीतर से पानी अधिक खींच लेने से वाटर लेवल भी प्रभावित होता है।
10 साल में लगा दिए 800 पौधे
नगर निगम, भिलाई ने पिछले करीब 10 साल के दौरान कोनोकार्पस के 800 पौधे लगाए हैं। यह पौधे पेड़ के रूप में विकसित हो चुके हैं। वहीं अब पुन: सड़क के किनारे इन पौधों को लगाना शुरू किया गया है। इसका वृक्ष मित्र विरोध कर रहे हैं। निगम की ठेका एजेंसी इन पौधों को लगाने में इस वजह से रुचि दिखाती है, क्योंकि इन पौधों को लगाने के बाद ट्री गार्ड लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। मवेशी इन पौधों के पास से भी नहीं गुजरते हैं। इसके अलावा पानी का इंतजाम भी नहीं करना पड़ता, यह खुद जमीन से पानी खींच लेते हैं। इस तरह से अपना फायदा देखते हुए एजेंसी इन पौधों का चयन करती है। वहीं अगर फलदार पौधों को लगाया जाए, तो उसकी देखरेख करना होता। इसके साथ-साथ पानी वगैरह भी डालना पड़ता है।
कभी नहीं लगाए कोनोकार्पस के पौधे
मुकेश पाण्डेय, वृक्ष मित्र, भिलाई, ने बताया कि 12 साल से पौध रोपण कर रहे हैं, लेकिन कभी भी कोनोकार्पस का पौधा नहीं लगाया है। यह पौधा लोगों के सेहत और पर्यावरण दोनों ही लिहाज से नुकसान दायक है। इस पौधों के पास न कोई मवेशी जाता है और न कोई परिंदें इसमें घोसला (घर) बनाते हैं। नगर निगम, भिलाई लगातार दस साल में करीब 800 पौधे इसका लगा चुका है।
शहर के कोनोकार्पस के पेड़ अस्थमा, सर्दी और खांसी का कारण
पीसी पंडा, एक्सपर्ट, प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र, सेवानिवृत्त ने बताया कि बुनियादी तौर पर कहा गया है कि कोनोकार्पस के पराग कणों से सर्दियों में खांसी सर्दी अस्थमा और एलर्जी हो सकता है। यह पौधा भूमिगत जल को अधिक मात्रा में खींच लेते हैं। यह पौधा प्राकृतिक रूप से वातावरण को शुद्ध करता है, जमीन से हेवी मेटल, विषैले पदार्थ हटाता है। मनुष्यो पर इस पौधे का प्रतिकूल प्रभाव का वैज्ञानिक दृष्टि से सत्यापित नहीं किया गया है। https://www.patrika.com/bhilai-news/om-district-hospital-three-newborns-in-one-baby-warmer-machine-19160320