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घेराव के बाद भी नहीं बनी बात, अब PM मोदी से मिलेंगे किसान…. इन मांगों को लेकर कर रहे आंदोलन

Bhilai News: खेतों में हाइटेंशन बिजली टॉवर के एवज में मुआवजे को लेकर विवाद के निपटारे के लिए अब किसान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर गुहार लगाएंगे।

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किसान की सांकेतिक फोटो

किसान की सांकेतिक फोटो

CG News: खेतों में हाइटेंशन बिजली टॉवर के एवज में मुआवजे को लेकर विवाद के निपटारे के लिए अब किसान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर गुहार लगाएंगे। किसानों ने इसके लिए राज्योत्सव के दौरान राजधानी रायपुर कूच करने का ऐलान किया है। किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के दौरान कार्यक्रमों में शामिल होने राजधानी आ रहें हैं। इस दौरान उनसे मिलकर किसानों को वाजिब मुआवजा दिए जाने की मांग की जाएगी।

गौरतलब है कि दुर्ग ग्रामीण के 19 गांवों के 1650 किसानों के खेतों में बिजली के हाइटेंशन टॉवर खड़े किए गए हैं। किसानों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी नियमानुसार मुआवजा देने के बजाए किसानों को कम भुगतान कर हस्ताक्षर के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके खिलाफ किसान करीब छह माह से सिलसिलेवार आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच 9 अक्टूबर को किसानों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया था। कलेक्टोरेट के घेराव के लिए पहुंचे किसानों को एडीएम अभिषेक अग्रवाल ने वांछित सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने और विवादों के निपटारे का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। इससे किसानों में नाराजगी है।

इस तरह चल रहा आंदोलन का क्रम

26 मई - प्रभावित किसानों की ओर से कलेक्टर जनदर्शन में संयुक्त आवेदन, कलेक्टर जनदर्शन पोर्टल में आवेदन क्रमांक - 2100225001751, पोर्टल में कोई भी जानकारी दर्ज नहीं।

10 जून - सांसद विजय बघेल को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया और उनसे मामले में हस्तक्षेप कर मुआवजे की वास्तविक गणना कराने की मांग।

27 जुलाई - मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र प्रेषित। मुआवजा भुगतान में हो रही देरी संबंधी शिकायत, जिला प्रशासन को पीएमओ से पत्र आया, लेकिन कार्रवाई नहीं।

14 अगस्त - कलेक्टोरेट का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। शासन के आदेश 10 मार्च 2025 के आधार पर टॉवर के लिए 200 फीसदी व राइट आफ वे 30 फीसदी मुआवजा भुगतान की मांग।

16 अगस्त - सांसद विजय बघेल को दोबारा मामले से अवगत कराया। सांसद ने कलेक्टर को आवेदन पर गाइडलाइन का पालन करते हुए मुआवजा भुगतान के निर्देश दिए। इस पर अमल नहीं।

4 सितंबर - स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव से मुलाकात कर वास्तविक स्थिति क ीजानकारी दी। मुख्यमंत्री से मिलाने व खुद पहल कर मुआवजा भुगतान कराने की मांग रखी। भरोसा दिलाया, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।

9 सितंबर - नगपुरा में किसान आंदोलन, सड़क पर धरना और चक्काजाम कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन यह मामला भी आगे नहीं बढ़ा।

15 सितंबर - संभाग आयुक्त एसएन राठौर से भेंटकर मामले को लेकर आवेदन सौंपा। उन्हें मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई कराने की मांग की गई। उन्होंने भरोसा दिलाया, लेकिन मामला जहां का तहां है।

9 अक्टूबर - कलेक्टोरेट का घेराव, प्रभावित किसानों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया। इस दौरान नाराज किसान ढालेश साहू ने आत्मदाह का प्रयास भी किया। इस पर एडीएम ने सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया था।

बिना दस्तावेज खाली हाथ लौटे किसान

किसानों को मुआवजा से संबंधित दस्तावेज के लिए 16 अक्टूबर को कलेक्टोरेट बुलाया गया था, लेकिन एडीएम दफ्तर में नहीं मिले। इस पर किसानों ने एडिशनल कलेक्टर योगिता देवांगन से मिलकर जानकारी चाही, लेकिन वे भी दस्तावेज नहीं दिला पाईं। इसके बाद निराश किसान खाली हाथ लौट गए। अब किसानों ने सीधे पीएम से मिलकर मांग की रणनीति बनाई है।

यह है किसानों की नाराजगी की वजह

पावरग्रिड रायपुर पूल-धमतरी ट्रांसमिशन लिमिटेड द्वारा दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के गांवों में 400 केवी डीसी रायपुर संचरण लाइन परियोजना के तहत हाईटेंशन टॉवर लाइन खड़ा किया गया है। यह टावर लाइन 19 गांव के 1650 किसानों की जमीन से होकर गुजरी है। किसानों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों की जमीन के एवज में पुराने दर पर मुआवजा की गणना की गई है। किसानों का कहना है कि इससे उन्हें करीब 49 करोड़ का नुकसान हो रहा है।

यह सिर्फ मुआवजा नहीं, बल्कि किसानों के अधिकार और सम्मान का प्रश्न है। शासन का आदेश स्पष्ट है, फिर भी विभाग टालमटोल कर रहा है। अब प्रधानमंत्री से सीधे न्याय की गुहार लगाएंगे। - ढालेश साहू, जनपद सदस्य दुर्ग