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IDF ने गाज़ा में पहुंचाई ह्यूमैनिटेरियन मदद, इस हवाई अभियान में शामिल हुए छह देश

इजरायल डिफेंस फॉरस यानी IDF ने शुक्रवार को गाज़ा पट्टी में ह्यूमैनिटेरियन मदद पहुंचाई। यह राहत सामग्री हवाई रास्ते से भेजी गई। इस अभियान में संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, मिस्र, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी छह देशों ने मिलकर हिस्सा लिया।

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Pankaj Meghwal

Aug 02, 2025

इजरायल डिफेंस फॉरस यानी IDF ने शुक्रवार को गाज़ा पट्टी में ह्यूमैनिटेरियन मदद पहुंचाई। यह राहत सामग्री हवाई रास्ते से भेजी गई। इस अभियान में संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, मिस्र, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी छह देशों ने मिलकर हिस्सा लिया। खास बात यह रही कि पहली बार तीन यूरोपीय देशों ने भी इस तरह के अभियान में हिस्सा लिया। IDF के मुताबिक, कुल 126 पैकेज गिराए गए जिनमें खाना और जरूरी सामान था। ये पैकेज गाज़ा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में गिराए गए।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गाज़ा में मानवीय संकट को लेकर आलोचना हो रही है। इन आरोपों पर IDF प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल ज़मीर ने कहा कि जानबूझकर भुखमरी फैलाने का आरोप एक झूठा और सुनियोजित प्रचार है। उन्होंने कहा कि इजरायली सेना अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नैतिकता का पालन करती है। उन्होंने हमास को गाज़ा की तबाही के लिए ज़िम्मेदार बताया। बंधकों की रिहाई को लेकर ज़मीर ने कहा कि अगर कोई आंशिक समझौता नहीं हुआ, तो सैन्य कार्रवाई बिना रुके जारी रहेगी।

वहीं, उत्तरी सीमा पर हिज़्बुल्लाह को लेकर भी IDF ने बड़ा दावा किया है। IDF के मुताबिक, हिज़्बुल्लाह की ताकत पहले से बहुत कम हो चुकी है। पहले जहां उसके पास करीब 1.5 लाख रॉकेट और हजारों लॉन्चर थे, अब सिर्फ कुछ हज़ार लॉन्चर बचे हैं। उसकी कुल रॉकेट क्षमता 70-80 प्रतिशत तक घट गई है। अब हिज़्बुल्लाह एक बार में 1,500 रॉकेट नहीं बल्कि मुश्किल से कुछ दर्जन ही दाग सकता है। इसके अलावा, उसके कई मल्टीपल लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म भी नष्ट कर दिए गए हैं। सीरिया से हथियारों की तस्करी पर भी असर पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की नई सुन्नी सरकार अब ईरान की ओर से हिज़्बुल्लाह को हथियार भेजने में रुकावट डाल रही है। इससे हिज़्बुल्लाह को बड़ा झटका लगा है। IDF के मुताबिक, अब तक लेबनान और सीरिया की सीमा पर 500 से ज्यादा हवाई हमले किए जा चुके हैं। इनमें 230 हिज़्बुल्लाह लड़ाके मारे गए हैं, 90 लॉन्चर तबाह किए गए हैं, 20 बेस और हथियार गोदाम नष्ट हुए हैं। साथ ही हिज़्बुल्लाह की रेडवान फोर्स के ट्रेनिंग कैंपों पर भी हमले किए गए हैं। कुल मिलाकर, 4,000 से 5,000 हिज़्बुल्लाह लड़ाके मारे जा चुके हैं, और 9,000 स्थायी रूप से लड़ने लायक नहीं बचे हैं। रेडवान फोर्स अब 6,000 से घटकर सिर्फ 2,500-3,000 जवानों तक सीमित हो गई है।

फिलहाल, IDF का कहना है कि हिज़्बुल्लाह से बड़े हमले का कोई खतरा नहीं है, लेकिन छोटे पैमाने पर हमले हो सकते है। सीज़फायर के दौरान अमेरिका की मध्यस्थता को भी IDF ने सराहते हुए कहा कि अमेरिका की निगरानी पहले की UNIFIL व्यवस्था से कहीं बेहतर साबित हो रही है। अब तक दर्ज की गई 1,263 उल्लंघनों में से ज़्यादातर मामले हल किए जा चुके हैं। हालांकि, इजरायली सेना ने यह भी साफ किया कि जरूरत पड़ने पर वह अकेले भी कार्रवाई करती रहेगी।