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Kidney Stone : कौन-सा किडनी स्टोन खुद निकल सकता और कब जरूरी है सर्जरी?

Kidney Stone : किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी आजकल बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम हो गई है। ये छोटे-छोटे कंकड़ जैसे पत्थर हमारे गुर्दे में बन जाते हैं। शुरू में तो ये चुपचाप बैठे रहते हैं लेकिन जैसे ही ये हिलते-डुलते हैं या रास्ता ब्लॉक करते हैं तो जानलेवा दर्द शुरू हो जाता है।

भारत

Manoj Vashisth

Aug 03, 2025

Kidney Stone
Kidney Stone : कौन-सा किडनी स्टोन खुद निकल सकता और कब जरूरी है सर्जरी? (फोटो सोर्स : Freepik)

Kidney Stone : आजकल किडनी स्टोन जिसे आम भाषा में गुर्दे की पथरी कहते हैं बहुत कॉमन हो गई है। ये छोटे-छोटे पत्थर कब तक चुपचाप बैठे रहेंगे और कब आपको दर्द से तड़पा देंगे कोई नहीं बता सकता। लोग अक्सर इसे हल्के में लेते हैं पर यही लापरवाही कभी-कभी भारी पड़ जाती है और नौबत सर्जरी तक आ जाती है। तो चलिए जानते हैं ये पथरी क्या बला है कितने तरह की होती है और सबसे जरूरी बात कब होती है सर्जरी की जरूरत?

पथरी बनती कैसे है? हमारे शरीर में किडनी खून साफ करने का काम करती है। जब पेशाब में कुछ चीजें (जैसे कैल्शियम, यूरिक एसिड) बहुत ज्यादा हो जाती हैं और पानी कम होता है तो ये छोटे-छोटे क्रिस्टल बन जाते हैं। यही क्रिस्टल मिलकर पथरी का रूप ले लेते हैं।

पथरी के प्रकार: पथरी कई तरह की होती है जिनमें सबसे आम है कैल्शियम ऑक्सालेट। इसके अलावा यूरिक एसिड, स्ट्रुवाइट (जो इन्फेक्शन से बनती है) और सिस्टीन (जो आनुवंशिक होती है) भी होती हैं।

दर्द के संकेत: कहीं आपको भी तो नहीं? Kidney Stone

पथरी रेत के दाने जितनी छोटी भी हो सकती है और गोल्फ की गेंद जितनी बड़ी भी। छोटी पथरी अक्सर बिना किसी परेशानी के निकल जाती है पर बड़ी पथरी बहुत तकलीफ देती है। अगर आपको ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

  • पीठ या पेट में तेज दर्द
  • पेशाब में खून आना
  • उल्टी या जी मिचलाना
  • बुखार और ठंड लगना (ये इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है)
  • पेशाब का रंग बदलना या उसमें बदबू आना
  • दर्द तब होता है जब पथरी हिलती है या पेशाब की नली में फंस जाती है

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कब होती है सर्जरी की जरूरत?

अब आते हैं सबसे अहम सवाल पर आमतौर पर 10 मिलीमीटर (mm) से बड़ी पथरी के अपने आप निकलने की संभावना बहुत कम होती है और इसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। 5-7 मिमी से बड़ी पथरी को भी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है खासकर अगर वो दर्द दे रही हो या कोई दिक्कत कर रही हो।

हालांकि सिर्फ साइज ही सब कुछ नहीं है। पथरी की जगह, गुर्दे की बनावट, पथरी किस चीज से बनी है और मरीज की उम्र व सेहत भी सर्जरी के फैसले को प्रभावित करते हैं। अगर आपको बार-बार पथरी होती है तो छोटी पथरी के लिए भी सर्जरी बेहतर हो सकती है।

गुर्दे की पथरी का आकार और उपचार (Kidney Stone Size and Treatment)

पथरी का आकार इस बात में अहम भूमिका निभाता है कि उसके अपने आप निकलने की कितनी संभावना है और उपचार की जरूरत पड़ेगी या नहीं। यहां एक सामान्य जानकारी दी गई है:

पथरी का आकारविवरणसुझाया गया प्रबंधन (इलाज)
1-4 मिमीबहुत छोटी पथरीअक्सर पानी पीने से अपने आप निकल जाती है। दर्द से राहत के लिए दवाएं पर्याप्त हो सकती हैं।
5-7 मिमीमध्यम आकार की पथरीतरल पदार्थ और दवाओं से निकल सकती है, लेकिन यदि बाहर न निकले तो शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy - SWL) जैसे मेडिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।
8-10 मिमीबड़ी पथरीइनके अपने आप निकलने की संभावना कम होती है। लिथोट्रिप्सी या यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) की आवश्यकता हो सकती है।
10+ मिमीबहुत बड़ी पथरीशायद ही कभी अपने आप निकलती है। सर्जरी, यूरेटेरोस्कोपी, या परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy - PCNL) की आवश्यकता होती है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

छोटी पथरी भले ही अपने आप निकल जाए पर अगर आपको असहनीय दर्द, पेशाब करने में दिक्कत, बुखार या उल्टी जैसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

पथरी से बचाव कैसे करें?

पथरी से बचने का सबसे आसान तरीका है खूब पानी पीना। दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके अलावा नमक और प्रोटीन कम खाएं, पालक जैसी ऑक्सालेट वाली चीजें कम लें और नींबू पानी खूब पिएं।