Kidney Stone : आजकल किडनी स्टोन जिसे आम भाषा में गुर्दे की पथरी कहते हैं बहुत कॉमन हो गई है। ये छोटे-छोटे पत्थर कब तक चुपचाप बैठे रहेंगे और कब आपको दर्द से तड़पा देंगे कोई नहीं बता सकता। लोग अक्सर इसे हल्के में लेते हैं पर यही लापरवाही कभी-कभी भारी पड़ जाती है और नौबत सर्जरी तक आ जाती है। तो चलिए जानते हैं ये पथरी क्या बला है कितने तरह की होती है और सबसे जरूरी बात कब होती है सर्जरी की जरूरत?
पथरी बनती कैसे है? हमारे शरीर में किडनी खून साफ करने का काम करती है। जब पेशाब में कुछ चीजें (जैसे कैल्शियम, यूरिक एसिड) बहुत ज्यादा हो जाती हैं और पानी कम होता है तो ये छोटे-छोटे क्रिस्टल बन जाते हैं। यही क्रिस्टल मिलकर पथरी का रूप ले लेते हैं।
पथरी के प्रकार: पथरी कई तरह की होती है जिनमें सबसे आम है कैल्शियम ऑक्सालेट। इसके अलावा यूरिक एसिड, स्ट्रुवाइट (जो इन्फेक्शन से बनती है) और सिस्टीन (जो आनुवंशिक होती है) भी होती हैं।
पथरी रेत के दाने जितनी छोटी भी हो सकती है और गोल्फ की गेंद जितनी बड़ी भी। छोटी पथरी अक्सर बिना किसी परेशानी के निकल जाती है पर बड़ी पथरी बहुत तकलीफ देती है। अगर आपको ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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अब आते हैं सबसे अहम सवाल पर आमतौर पर 10 मिलीमीटर (mm) से बड़ी पथरी के अपने आप निकलने की संभावना बहुत कम होती है और इसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। 5-7 मिमी से बड़ी पथरी को भी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है खासकर अगर वो दर्द दे रही हो या कोई दिक्कत कर रही हो।
हालांकि सिर्फ साइज ही सब कुछ नहीं है। पथरी की जगह, गुर्दे की बनावट, पथरी किस चीज से बनी है और मरीज की उम्र व सेहत भी सर्जरी के फैसले को प्रभावित करते हैं। अगर आपको बार-बार पथरी होती है तो छोटी पथरी के लिए भी सर्जरी बेहतर हो सकती है।
पथरी का आकार इस बात में अहम भूमिका निभाता है कि उसके अपने आप निकलने की कितनी संभावना है और उपचार की जरूरत पड़ेगी या नहीं। यहां एक सामान्य जानकारी दी गई है:
पथरी का आकार | विवरण | सुझाया गया प्रबंधन (इलाज) |
1-4 मिमी | बहुत छोटी पथरी | अक्सर पानी पीने से अपने आप निकल जाती है। दर्द से राहत के लिए दवाएं पर्याप्त हो सकती हैं। |
5-7 मिमी | मध्यम आकार की पथरी | तरल पदार्थ और दवाओं से निकल सकती है, लेकिन यदि बाहर न निकले तो शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy - SWL) जैसे मेडिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। |
8-10 मिमी | बड़ी पथरी | इनके अपने आप निकलने की संभावना कम होती है। लिथोट्रिप्सी या यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy) की आवश्यकता हो सकती है। |
10+ मिमी | बहुत बड़ी पथरी | शायद ही कभी अपने आप निकलती है। सर्जरी, यूरेटेरोस्कोपी, या परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Percutaneous Nephrolithotomy - PCNL) की आवश्यकता होती है। |
छोटी पथरी भले ही अपने आप निकल जाए पर अगर आपको असहनीय दर्द, पेशाब करने में दिक्कत, बुखार या उल्टी जैसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
पथरी से बचने का सबसे आसान तरीका है खूब पानी पीना। दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके अलावा नमक और प्रोटीन कम खाएं, पालक जैसी ऑक्सालेट वाली चीजें कम लें और नींबू पानी खूब पिएं।
Published on:
03 Aug 2025 01:07 pm