विवरण : भारत में उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न शहरों में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलोजी (आईआईटी) की स्थापना की गई थी। ये स्वायत्त सार्वजनिक इंस्टीट्यूट हैं। सभी आईआईटी को इंस्टीट्यूटस ऑफ टैक्नोलोजी एक्ट, 1961 के तहत नियंत्रित किया जाता है। प्रत्येक आईआईटी स्वायत्तशासी इंस्टीट्यूट है। ये सभी सार्वजनिक आईआईटी काउंसिल के तहत जुड़े हुए हैं। ये काउंसिल इनके प्रशासन को भी देखता है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री आईआईटी काउंसिल का पदेन अध्यक्ष होता है। वर्ष 2017 के अनुसार, सभी आईआईटी में कुल 11 हजार 32 सीटें हैं। देश में सबसे पहला आईआईटी 1951 में खड़कपुर में खोला गया था। इसके बाद बांबे (अब मुंबई), मद्रास (अब चेन्नई), कानपुर और दिल्ली में खोले गए थे।
1994 में गुवाहाटी में आईआईटी की स्थापना की गई थी। यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की को वर्ष 2001 में आईआईटी रुड़की में तब्दील कर दिया गया था। 2008-9 में आठ नए आईआईटी की स्थापना गांधीनगर, जोधपुर, हैदराबाद, इंदौर, पटना, भुवनेश्वर, रोपड़ और मंडी में खोले गए थे। करीब इसी समय इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलोजी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी को आईआईटी का दर्जा दिया गया था। अन्य छह नए आईआईटी तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़, भिलाई, गोव, जम्मू में खोले गए थे। इन सभी को २०१५-१६ में खोला गया था। इसी दौरान आईएसम धनबाद को आईआईटी का दर्जा दिया गया। आईआईटी में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा-एडवांसड में सफल होना पड़ता है। २०१२ तक इस परीक्षा को आईआईटी-जेईई के नाम से जाना जाता था।