जबलपुर. आयुध निर्माणियों के कर्मचारी जल्द सात रक्षा कंपनियों का हिस्सा बन सकते हैं। निगमीकरण के बावजूद अभी वे सरकारी कर्मचारी हैं। रक्षा मंत्रालय ने इन कंपनियों से कर्मियों के सेवा नियम और नीतियों को लेकर सुझाव मांगे हैं। माना जा रह है कि जल्द शहर की चारों निर्माणियों के 15 हजार कर्मचारियों से कंपनियों में रहने या नहीं रहने का विकल्प पत्र भरवाया जा सकता है।
30 सितम्बर को समाप्त हो रही डीम्ड डेपुटेशन की अवधि
41 आयुध निर्माणियों का निगमीकरण
देश की सभी 41 आयुध निर्माणियों का निगमीकरण हो चुका है। केंद्र सरकार की तरफ से इन निर्माणियों को सात रक्षा कंपनियों में समाहित कर दिया गया है। इसमें जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया, वीकल फैक्ट्री जबलपुर, गन कैरिज फैक्ट्री और ऑर्डनेंस फैक्ट्री जबलपुर शामिल हैं। चारों अलग-अलग कंपनियों के अंतर्गत काम कर रही हैं। सरकार ने कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारी और रक्षा असैनिक कर्मचारी माना है। इसके लिए उन्हें डीम्ड डेपुटेशन पर रखा है। इसकी अवधि आगामी 30 सितंबर को समाप्त हो रही है।
शुरू होगा आंदोलन
सरकार के कदम को लेकर आयुध निर्माणियों में कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं। आयुध निर्माणी खमरिया में मंगलवार से गेट में पर्चा वितरण किया जाएगा। अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह एवं महामंत्री अर्नब दासगुप्ता ने बताया कि सरकार की मंशा को पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
विकल्प पत्र में लुभावने वादे
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में आयुध निर्माणियों का निगमीकरण कर सात रक्षा कंपनियों के अधीन कर दिया था। जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के कारण आगे की प्रक्रिया रुकी थी। अब इसे शुरू कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत प्रोडक्शन विभाग के मैनेजमेंट एंड पॉलिसी डिवीजन ने 24 जून तक सातों रक्षा कंपनियों से जानकारी मांगी है। इनके मिलने पर नई नीति बनाकर उन्हें लागू कर दिया जाएगा।
कर्मचारियों में भविष्य को लेकर संशय
इस प्रक्रिेया के शुरू होते ही कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। निगम का कर्मचारी बनने के बाद कई तरह के बदलाव हो जाएगा। इसमें कुछ लाभकारी बातें शामिल होंगी तो कुछ चीजों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। कंपनियां उत्पादन में भागीदारी को लेकर कर्मचारियों को पैकेज दे सकती है। कर्मचारियों का मानना है कि अभी उन्हें पे कमीशन, तीन स्तरीय ग्रेड स्ट्रक्चर जिसमें सेवाकाल में कम से कम तीन पदोन्नति और अनुकंपा नियुक्ती का फायदा मिलता है। कारपोरेशन में आने पर यह खत्म हो सकता है।
केंद्र सरकार ने आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के सहारे उनके निजीकरण का रास्ता निकाल लिया है। रक्षा मंत्रालय ने डिफेंस कंपनियों से कर्मचारियों की सेवा शर्तों और नीतियों को लेकर सुझाव मांगा है। अब अगला कदम कर्मचारियों से कंपनियों में रहने और नहीं रहने का मांगा जाएगा।
एसएन पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन
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Updated on:
25 Jun 2024 12:02 pm
Published on:
25 Jun 2024 11:55 am