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दिनेश शर्मा एक भारतीय राजनेता हैं जो दो बार लखनऊ के महापौर (मेयर) रह चुके हैं।अब वे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमन्त्री हैं।&nbsp; वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।&nbsp;वे भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और उन्होंने पार्टी में विभिन्न भूमिका निभाई है। <strong>जीवन शैली व शिक्षा</strong> दिनेश शर्मा 12&nbsp; जनवरी सन 1964 को लखनऊ में हुआ था।&nbsp; लखनऊ के मेयर बनने से पहले वे लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर रहे थे।&nbsp; 1992 में उन्होंने ने लखनऊ विश्वविद्यालय में ही अध्यापन कराने का कार्य प्रारम्भ किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में वे वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर हैं। <strong>राजनीतिक जीवन</strong> दिनेश शर्मा काफ़ी लम्बे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं और इस लम्बे समय में उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्त्वपूर्ण कार्यों को सफलता पूर्वक पूर्ण किया है।कुशल संगठन कर्ता दिनेश शर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भरोसा हासिल किया है। अटल बिहारी वाजपेई ने वर्ष 2006 में अपना आखिरी भाषण भी दिनेश शर्मा को ही चुनाव जिताने के लिए दिया था। दिनेश शर्मा 2008 में पहली बार लखनऊ के मेयर चुने गए थे। इसके बाद 2012 में पुन: मेयर बने। उन्होंने उस समय कांग्रेस में रहे नीरज बोरा को 1.71 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। देश भर में दिनेश शर्मा उस समय सुर्खियों में आ गए, जब लोकसभा चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त विजय के बाद अगस्त, 2014 में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया। यही नहीं, उन्हें गुजरात का प्रभार भी सौंपा गया था। कहा जाता है कि दिनेश शर्मा उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी के 'अच्छे दिनों' में सबसे ज़्यादा पुरस्कार मिला।नवंबर, 2014 में उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय सदस्यता का प्रभारी बनाया गया था। उस समय भाजपा के सदस्यों की एक करोड़ हुआ करती थी, अब यह संख्या 11 करोड़ पार कर गई है।