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उर्दू को लेकर योगी और ओवैसी में छिड़ी जंग ! कहा- योगी वैज्ञानिक क्यों नहीं बन गए ? 

Yogi and Owaisi Clash on Urdu: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘उर्दू’ और ‘कठमुल्लापन’ वाले बयान पर असद्दुदीन ओवैसी ने पलटवार किया है। ओवैसी के बयान के बाद सियासी जंग छिड़ गई है। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला ? 

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लखनऊ

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Nishant Kumar

Mar 01, 2025

Yogi and Owaisi Clash

Yogi Adityanath and Asaduddin Owaisi Clash on Urdu: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भोजपुरी, अवधी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को विधानसभा की कार्यवाही में लाने का प्रस्ताव लाया। विधानसभा में सीएम योगी ने ‘उर्दू’ भाषा पर हमलावर दिखें और विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप प्रदेश के बच्चों को उर्दू पढ़ाकर उन्हें मौलवी बनाना चाहते हैं। देश को ‘कठमुल्लापन’ की ओर ले जाना चाहते हैं।

असदुदीन ओवैसी ने किया पलटवार

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी के विधानसभा में दिए गए बयान पर तीखा पलटवार किया। हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की 67वीं वर्षगांठ पर जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री को उर्दू नहीं आती, तो वे वैज्ञानिक क्यों नहीं बन गए? उन्होंने आरोप लगाया कि योगी जिस विचारधारा से आते हैं, उसके किसी भी व्यक्ति ने देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया।

गोरखपुर का किया जिक्र 

ओवैसी ने गोरखपुर का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम योगी उसी गोरखपुर से आते हैं, जहां से प्रसिद्ध उर्दू कवि रघुपति सहाय 'फिराक' का संबंध था, जो कि मुसलमान नहीं थे। उन्होंने कहा कि सीएम योगी की टिप्पणी उनकी बौद्धिक क्षमता को दर्शाती है।

उर्दू विशेष धर्म की भाषा नहीं: Owaisi

आगे ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री को यह भी समझना चाहिए कि उर्दू उत्तर प्रदेश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे यह नहीं जानते कि उर्दू भी अन्य भाषाओं की तरह भारतीय संविधान में संरक्षित है। हर मुसलमान उर्दू नहीं बोलता, क्योंकि यह किसी धर्म विशेष की भाषा नहीं है, बल्कि भारत की भाषा है। यह देश की आजादी की भाषा रही है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी भारत को एक भाषा, एक धर्म, एक विचारधारा और एक नेता के हिसाब से ढालने की कोशिश कर रही है।

गरमाई प्रदेश की सियासत 

ओवैसी के इस बयान के बाद लखनऊ की सियासत गरमा गई। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने असादुदीन ओवैसी के इस बयान पर जोरदार हमला बोला। भाजपा नेता मोहसिन रजा और सांसद दिनेश शर्मा ने ओवैसी के बयान की कड़ी निंदा की।

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भाजपा सांसद ने क्या कहा ? 

भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा,"वह अफवाहों के सरगना हैं, और मोदी और जी के बारे में बयान इसलिए देते हैं ताकि उनकी प्रचार की इच्छा पूरी हो सके। वह हर दिन मीडिया के सामने आना चाहते हैं। उर्दू हमारी देश में ही बनी एक भाषा है, और यह एक अच्छी भाषा है। हम लोग अपनी रोजमर्रा की बातचीत में कई उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। इसमें कहीं कोई टकराव नहीं है, बल्कि हम उर्दू को हिंदी की छोटी बहन कहते हैं।”

मोहसिन रजा ने क्या कहा ? 

भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा,"मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर वह अरबी, फारसी और उर्दू के इतने बड़े समर्थक हैं, तो फिर उन्होंने बैरिस्टर बनने के लिए लंदन जाने की जरूरत क्यों महसूस की ? आप इन डिग्रियों के साथ भी बैरिस्टर बन सकते थे इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम चाहते हैं कि जिन लोगों को आपने अपना वोट बैंक बना रखा है, उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाए और वे इंजीनियर, समाजसेवी और शिक्षक बनें।

सबको मुख्यधारा से जोड़ना चाहती है सरकार 

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन लोगों को आपने अपना वोट बैंक बना रखा है, हम उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने योगी सरकार के तहत एनसीईआरटी की शिक्षा लागू की है और डॉक्टर व इंजीनियर बनाए हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने एनसीईआरटी की शिक्षा लागू की है।

सपा पर साधा निशाना 

मोहसिन रजा ने कहा कि आप लंदन पढ़ने गए, बैरिस्टर बने, लेकिन आपने इन्हें सिर्फ वोट बैंक बनाए रखा। आप चाहते हैं कि ये लोग सिर्फ टोपी पहनकर घूमें, मजदूरी करें और कभी शिक्षित न हों। इसी तरह समाजवादी पार्टी के प्रमुख (अखिलेश यादव) भी पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे। हर किसी को ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा पसंद है, लेकिन जैसे ही योगी जी ने इन लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की, विपक्ष ने इस पर टिप्पणी कर दी। हम तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करते; हम देश को 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की नीति पर आगे बढ़ाने का काम करते हैं।