Rajasthan News : प्रदेश में जिला अधिक सरसों का उत्पादन करता है और तेल उत्पादन में भी यह प्रदेश में अग्रणी है। ऐसे में राज्य सरकार को टोंक को सरसों का हब घोषित कर विशेष योजनाओं के तहत सरसों उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। हालांकि सरकार की ओर से तेल मिल पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं अगर किसान मिल लगाता है तो उनको सब्सिडी 75 प्रतिशत दी जाती है। सरकार को चाहिए कि अब वह सरसों के तेल के निर्यात और इसके तेल को खाद्य सामग्री में प्रमुखता दे तो और ज्यादा लाभ मिल सकता है। इसके लिए सरसों के तेल को सरकारी स्कूलों में पोषाहार से जोड़ने का प्रावधान किया जा सकता है।
कार्य योजना बनाने की जरूरत
सॉल्वेट प्लांट के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से विशेष कार्य योजना बनाकर उन्हें अधिक से अधिक सुविधा मुहैया करवानी चाहिए, जिससे देश में तेल उत्पादन में विस्फोटक वृद्धि होगी और भारत तेल के लिए आत्मनिर्भर बन सकेगा।
जिले में प्रतिवर्ष सबसे अधिक सरसों की खरीद की जाती है। लेकिन वेयरहाउस नहीं होने से व्यापारियों और तेल मिल मालिकों को औद्योगिक क्षेत्र से दूर तथा अलग-अलग जगह सरसों का स्टॉक करना पड़ता है। इससे व्यापारियों और तेल मिल मालिकों पर आर्थिक भार पड़ता है। इसलिए राज्य सरकार की ओर से जिले में सरसों के स्टॉक के लिए बड़े-बड़े वेयरहाउस बनाने चाहिए।
डीओसी से बनता है मुर्गी दाना
सरसों का तेल निकालने के बाद बची डीओसी (खळ) से मुर्गी दाना बनाया जाता है। इससे मुर्गी पालन को बढ़ावा मिल रहा है। इससे युवाओं को रोजगार मिल सकता है।
अच्छी है जिले की मिट्टी
टोंक जिले में मिट्टी सरसों उत्पादन के लिए अच्छी है। ऐसे में सरकार की ओर से जिले के किसानों को सरसों फसल बुवाई में और प्रोत्साहित किया जाए। ताकि इसका उत्पादन बढ़ सके।
Published on:
31 Jul 2024 02:48 pm