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Tonk News: इस खतरनाक कीट से सरसों की फसल पर मंडराया खतरा, इस कारण से कीट हो रहे एक्टिव

टोंक जिले में इस बार सरसों की फसल पर चितकबरी कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। इस बार प्रदेश में सर्दी की जल्दी दस्तक और बंपर बारिश से हवा में घुली नमी से कीट सक्रिय हो रहा है।

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नमी और सर्द मौसम से फसल पर चितकबरी कीट का हमला, फोटो पत्रिका

Spotted Moth attacks crops: टोंक जिले में इस बार सरसों की फसल पर चितकबरी कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। इस बार प्रदेश में सर्दी की जल्दी दस्तक और बंपर बारिश से हवा में घुली नमी से कीट सक्रिय हो रहा है। खेतों में फसल की बढ़वार के साथ ही इस कीट की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है, जिससे पौधों की पत्तियों और फली पर असर दिखाई देने लगा है। क्षेत्र में सरसों की फसलों पर कीटों का खतरा मंडराने से किसानों की​ चिंता बढ़ने लगी है।

कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क रहने और समय पर रोकथाम के उपाय अपनाने की सलाह दी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार चितकबरी कीट सरसों की पत्तियों, कोमल शाखाओं और फूलों से रस चूसता है। इसके कारण पौधे की वृद्धि रुक जाती है और फली बनना प्रभावित होता है। अधिक प्रकोप की स्थिति में फसल की पैदावार पर सीधा असर पड़ता है।

नमी और ठंडा मौसम बना अनुकूल वातावरण

हाल के दिनों में तापमान में गिरावट और सुबह-शाम की नमी ने इस कीट के प्रसार के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है। कृषि विभाग के अनुसार जिन खेतों में लगातार नमी बनी रहती है वहां यह कीट तेजी से फैलता है। सहायक कृषि अधिकारी रानोली रूपचंद साहू ने बताया कि फसल की प्रारम्भिक अवस्था में निगरानी अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने किसानों को सलाह दी कि सरसों के बीज को बुवाई से पहले इमिडाक्लोप्रिड 10 प्रतिशत एफएस 6 मिली प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। इसके अलावा यदि खड़ी फसल में कीट लग जाए, तो किसानों को मैलाथियान 5 डीपी क्यूनालफॉस 1.5 डीपी या फेनवेलरेट 0.4 डीपी में से किसी भी एक दवाई का उपयोग करना चाहिए। इसे 25 किलो प्रति हैक्टेयर या 5 किलो प्रति बिघा की दर से छिड़काव किया जा सकता है। किसानों से आग्रह है कि वे समय पर सावधानी बरतें ताकि सरसों की फसल को चितकबरी कीट के प्रकोप से बचाया जा सके और बेहतर उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।

फैक्ट फाइल

फसल बुवाई
सरसों 310000
चना 72622
गेहूं 61330
जौ 4272

जैविक उपाय भी कारगर

जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए नीम तेल 5 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव प्रभावी माना गया है। इससे कीट की संख्या नियंत्रित होती है और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इस साल कृषि विभाग ने 4 लाख 65 हजार 785 हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य तय किया है। अच्छी बरसात के चलते यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। जिले में किसानों का रुझान सरसों की तरफ है। कुल तय हैक्टेयर में से एक तरफा 3 लाख 10 हैक्टेयर में तो सरसों की ही बुवाई होगी।