श्रीगंगानगर.राज्य सरकार ने बीज उत्पादन कार्यक्रम में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद बड़ी कार्रवाई की है। कृषि विभाग ने तीन बीज कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए उनके पंजीकरण निरस्त कर दिए हैं। इनमें मैसर्स स्टार एग्री सीड्स प्रा. लि., सूरज एग्रो कोऑपरेटिव सोसायटी लि. और जयशंकर बीज कंपनी, श्रीगंगानगर शामिल हैं। यह कार्रवाई कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के हालिया औचक निरीक्षण के बाद की गई है।
डॉ. मीणा ने श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के कई क्षेत्रों में बीज उत्पादन कार्यक्रम की स्थिति का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान संगरिया क्षेत्र में पाया गया कि स्टार एग्री सीड्स और सूरज एग्रो कोऑपरेटिव ने खरीफ 2024, रबी 2024-25 और खरीफ 2025 के लिए कोई प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम नहीं लिया था। प्रमाणीकरण नियमों के अनुसार किसी संस्था को एक सीजन में कम से कम 40 हेक्टेयर और एक वर्ष में 100 हेक्टेयर का बीज उत्पादन करना अनिवार्य है, लेकिन दोनों कंपनियों ने इस शर्त का उल्लंघन किया। इस कारण उनके बीज उत्पादन एवं विधायन केंद्र संख्या (20.294) को रद्द कर दिया गया।
मिला फर्जीवाड़ा: कागजों में ग्वार, खेतों में कपास
हनुमानगढ़ जिले के 11 एलकेएस लखासर क्षेत्र में कृषि मंत्री के निरीक्षण के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। कागजों में खेत का आवंटन एक सुदेश नामक व्यक्ति के नाम पर दिखाया गया था, जबकि स्थानीय किसान रामस्वरूप और जगदीश के परिवार में ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद ही नहीं था। जांच में खुलासा हुआ कि जिस खेत में कागजों के अनुसार ग्वार के बीज उत्पादन का उल्लेख था, वहां कपास की फसल खड़ी मिली। यह कार्यक्रम जयशंकर बीज कंपनी को आवंटित किया गया था।
सीड कॉर्पोरेशन, जयपुर के निदेशक के.सी. मीणा ने बताया कि इस गड़बड़ी के बाद जयशंकर बीज कंपनी का खरीफ 2025 के लिए 223 हेक्टेयर का बीज उत्पादन कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है।
कृषि मंत्री बोले - अब होगी सख्त कार्रवाई
किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद और पेस्टिसाइड उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। जो भी संस्था या कंपनी किसानों के साथ धोखाधड़ी करेगी, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। राज्य में अब फर्जी बीज पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाएगी।