श्रीगंगानगर.रेगिस्तान की धरती पर हरियाली का सपना सजाने वाले किसानों की जेबें खाली हैं। खेतों में पानी बचाने की उम्मीद से उन्होंने अपने संसाधनों और कर्ज लेकर डिग्गियां तैयार कर लीं, मगर सरकारी सहायता अब तक कागजों में ही अटकी हुई है। श्रीगंगानगर जिले में पिछले दो वित्तीय वर्षों में 2612 किसानों को डिग्गी निर्माण की वित्तीय स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन करीब 78 करोड़ 36 लाख रुपए का भुगतान दो साल से लंबित है।
जयपुर से बजट आएगा,तब भुगतान होगा
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 456 किसानों और वर्ष 2025-26 में 2156 किसानों ने डिग्गी निर्माण कार्य पूरा कर लिया। अधिकांश किसानों ने बैंक से ऋण लेकर या अपनी बचत से निर्माण कराया। अब वे कृषि पर्यवेक्षक से लेकर उपनिदेशक कार्यालय तक चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार जवाब यही मिलता है जयपुर से बजट आएगा, तब भुगतान होगा।
तकनीकी अड़चन और लैप्स हुई राशि
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में राज किसान पोर्टल पर तकनीकी खराबी आने से भुगतान प्रक्रिया रुक गई थी और वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कारण राशि लैप्स हो गई। अब अक्टूबर में पोर्टल की टेंडर प्रक्रिया दोबारा होने के बाद सुधार किया गया है और पिछले वर्ष की 456 डिग्गियों का भुगतान प्रक्रिया में है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष की डिग्गियों के भुगतान को लेकर अब तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।
कब मिलेगा भुगतान
रायसिंहनगर के चक 7 एनजेडपी निवासी किसान गोपालराम बताते हैं कि जून में डिग्गी बनकर तैयार हो गई, पर अब तक तीन लाख रुपए की अनुदान राशि नहीं मिली। भुगतान न मिलने से आर्थिक संकट गहरा गया है। जिले के करीब ढाई हजार किसान इसी स्थिति में हैं, जिनकी मेहनत सरकारी तंत्र की देरी में उलझी हुई है। जिला परिषद की साधारण सभा में जिला प्रमुख दुलाराम इंदलिया ने भी किसानों के बकाया भुगतान के मुद्दे को उठाया।
बजट की मांग कर रख है
जिले में करीब ढाई हजार से अधिक किसानों के डिग्गी निर्माण होने पर करीब 80 करोड़ रुपए का बजट निदेशालय से मांग रखा है। राशि प्राप्त होते ही किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा।