Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आय का रास्ता नहीं फिर भी साइबर ठगों ने खरीद डाली जयपुर और श्रीगंगानगर में करोड़ों की कोठियों व प्लाट

- अब चला कानूनी डंडा: पुलिस ने अदालत के आदेश पर कोठियों और भूखंडों को किया फ्रीज

2 min read
Google source verification

श्रीगंगानगर. दो हजार करोड़ की साइबर ठगी के मामले में सदर पुलिस ने आरोपियों की कराेड़ाेें रुपए की संपत्ति काे कुर्क कर दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ गोदारा के आदेश से दाे काेठियाें और दाे ही भूखंडाें काे सदर सीआई सुभाषचंद्र ढिल ने कब्जे में लेकर फ्रीज किया है। मामले में पहली काेठी जयपुर के आमेक्स सिटी बड़ के बालाजी के पास, अजमेर रोड, प्लाॅट नंबर 47, ब्लाॅक नंबर 3 काे फ्रीज किया गया है। यह काेठी 253 वर्गमीटर क्षेत्रफल में लगभग बन चुकी थी। इस काेठी का बाजार मूल्य ढाई से तीन कराेड़ रुपए आंकी गई है। दूसरी काेठी भी जयपुर नगर, ग्राम गिरधारीपुरा, अजमेर रोड अपोलो गृह निर्माण सहकारी समिति लि. जगदंबा नंबर-डी, प्लाॅट नंबर डी-266 काे फ्रीज किया गया है। यह काेठी 138.88 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बनी हुई है। इस कोठी का बाजार मूल्य भी ढाई से तीन कराेड़ रुपए है। इसी तरह श्रीगंगानगर के चक 7 ई छोटी, के मुरब्बा नंबर 43 के किला नंबर 6 में भूखंड संख्या 7 व 8 मानवी एन्कलेव, नाथांवाला से सूरतगढ़ बाईपास स्थित दाे भूखंड प्रत्येक का साइज 20 गुणा 80 फीट काे फ्रीज किया गया है। स्थानीय प्राॅपर्टी काराेबारियाें द्वारा इन दाेनाें भूखंडाें का बाजार मूल्य 45-45 लाख रुपए बताया गया है। आरोपी मलकीत सिंह, दीपक आर्य और उसकी मां रेणु बाला के नाम से जयपुर स्थित भूखंड पर बनी काेठियाें और श्रीगंगानगर के भूखंड फ्रीज कर पुलिस ने बाेर्ड लगवा दिए हैं।
बिना आय स्त्रोत के बावजूद खरीदी यह संपतियां
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में आरोपियों लाजपत राय आर्य, दीपक कुमार आर्य, अजय कुमार आर्य, सौरभ चावला, सलोनी चावला, राजेन्द्र सिंह, कर्मजीत सिंह और बलजीत ने कनार्टक के इंगलानी विजयपुरा में काफी लोगों के साथ करीब दो हजार करोड रुपए का साइबर फ्रॉड कर वहां से भाग आए थे। इन आरोपियों के पते पर दबिश दी जाकर दस लाख रुपए नगद, आठ एटीएम कार्ड, तीन पेन कार्ड, एक लेपटॉप एपल कम्पनी और दो लग्जरी वाहन व सीपीयू बरामद किए थे। इसके साथ साथ आरोपी लाजपत राय आर्य व दीपक कुमार आर्य को गिरफतार किया गया था। इन आरोपियों के पास कोई व्यापारिक प्रतिष्ठान या सरकारी नौकरी या प्राइेवट जॉब नहीं था फिर भी लाखों रुपए की संपत्तियां जयपुर और श्रीगंगानगर की पॉश कॉलोनियों में खरीद की गई।
तब दर्ज हुआ था सदर थाने में यह मामला
सदर थाने में इस साल जनवरी में दर्ज किया गया था। इसमें आरोपियों और उनके परिवरेां के अलावा अन्य पर हजाराें कराेड़ की साइबर ठगी के आरोप है। इन आरोपियों की ओर से अर्जित की गई करोड़ाें की संपत्तियों काे फ्रीज करने काे सदर पुलिस ने अदालत में 5 फरवरी व 11 मार्च काे इस्तगासे किए थे। न्यायालय ने 14 अक्टूबर काे इन संपत्तियाें काे साइबर फ्राॅड के अपराध से अर्जित करना मानते हुए मुकदमे में फ्रीज करने के आदेश दिए।