3 लाख रुपए की ठगी (Photo source- Patrika)
Cyber Fraud: @ नारद योगी। साइबर ठगी के शिकार लोग दोतरफा मार झेल रहे हैं। एक तो साइबर ठग उनकी जीवनभर की मेहनत की कमाई एक झटके में पार कर देते हैं, तो दूसरा अगर ठगी की कुछ राशि पुलिस वाले होल्ड करवा भी लेते हैं, तो उसे बैंक वाले वापस नहीं कर रहे हैं। कोर्ट भी होल्ड राशि को पीड़ितों को वापस करने का ऑर्डर जारी कर चुका है, फिर भी बैंक वाले रिफंड नहीं कर रहे हैं। साइबर ठगी के पीड़ित कोर्ट का ऑर्डर लेकर बैंकों के बार-बार चक्कर काट रहे हैं। रायपुर जिले में 20 से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जिसमें न्यायालय ने होल्ड राशि पीड़ितों को वापस करने का आदेश दे दिया है, लेकिन बैंकों ने यह राशि वापस नहीं की है। शेष ञ्चपेज ९
साइबर ठगी के शिकार अतुल, नवीन, तेजू यादव जैसे कई पीड़ित हैं, जिनके मामलों में होल्ड हुए लाखों रुपए उन्हें वापस करने का आर्डर न्यायालय ने दिया है। इसके बावजूद बैंक वाले रकम वापस नहीं कर रहे हैं। पुलिस और कोर्ट की ओर से रकम वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन अब मामला बैंकों में फंस रहा है। अतुल और नवीन का कहना है कि कोर्ट के ऑर्डर लेकर कई बार बैंकों के चक्कर काट चुके हैं। बैंक वाले घुमा रहे हैं। कई बार दूसरे बैंकों से होल्ड होने का कारण बताते हैं। इससे हमारा काफी नुकसान हो रहा है।
साइबर ठगी के मामले हर साल बढ़ रहे हैं। ठगी की राशि वापस मिलना भी काफी मुश्किल हो गया है। रायपुर पुलिस ने करीब दो साल पहले साइबर ठगी में होल्ड राशि को पीड़ितों को वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत साइबर ठगी की शिकायत मिलते ही ठगों द्वारा जिन बैंक खातों में पीड़ित का पैसा ट्रांसफर होता है, पुलिस उन बैंक खातों को होल्ड करवा देती है। इससे ठग उन खातों से राशि को निकाल नहीं पाते हैं।
बाद में एफआईआर के बाद यह राशि पीड़ित को न्यायालय के आदेश पर वापस मिलता है। इसके लिए पीड़ित कोर्ट में सुपुर्दनामा के लिए आवेदन लगाता है। इसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट पुलिस से एनओसी लेती है। इसके बाद पीड़ित को होल्ड राशि वापस करने का आदेश देती है। प्रदेश में होल्ड राशि वापस होने की प्रक्रिया काफी धीमी है। यह ठगी की कुल राशि का महज 0.2 फीसदी ही है।
Updated on:
29 Aug 2025 04:15 pm
Published on:
29 Aug 2025 04:14 pm
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