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एक नहीं, दो-दो बहुएं… दहेज का कहर, निक्की की मौत, परिवार पर पुराने आरोप

निक्की की मौत के बाद परिवार और समाज में ग़म और ग़ुस्से का माहौल है। इसी बीच एक और मामला सामने आया है—निक्की के भाई रोहित पैला की पत्नी मिनाक्षी ने भी ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

नोएडा की रहने वाली 28 साल की निक्की भाटी की हाल ही में दहेज के लिए हत्या कर दी गई। आरोप है कि उनके ससुरालवालों ने 36 लाख रुपये की मांग की थी। नौ साल पहले निक्की की शादी ग्रेटर नोएडा के रहने वाले विपिन भाटी से हुई थी। इस मांग को लेकर विवाद बढ़ता गया और आखिरकार उनकी जान ले ली गई।

निक्की की मौत के बाद परिवार और समाज में ग़म और ग़ुस्से का माहौल है। इसी बीच एक और मामला सामने आया है—निक्की के भाई रोहित पैला की पत्नी मिनाक्षी ने भी ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

मिनाक्षी की शादी रोहित से 2016 में हुई थी। उनके परिवार का कहना है कि शादी में उन्होंने एक मारुति सियाज़ कार दी थी, लेकिन ससुरालवालों ने उस कार को “अपशगुन” बताकर बेच दिया और फिर एक नई स्कॉर्पियो कार और नकद रुपये की मांग की। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो मिनाक्षी को उनके मायके भेज दिया गया।

मामला गांव की पंचायत तक पहुंचा। पंचायत में दो विकल्प सामने रखे गए—या तो दूल्हे का परिवार शादी पर हुए खर्च (लगभग 35 लाख रुपये) लौटाए ताकि मिनाक्षी की दोबारा शादी हो सके, या फिर उसे वापस बहू के तौर पर स्वीकार किया जाए। लेकिन बात नहीं बनी और मामला वहीं अटका रह गया।

निक्की की मौत के बाद जब उनके पिता भिखारी सिंह पैला से इन आरोपों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ कहा कि दोनों मामलों की तुलना नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “ये मुद्दा अलग है, वो मुद्दा अलग है। कोर्ट में मामला चल रहा है, कोर्ट जो करेगा वही मान्य होगा। किसी की बेटी जल जाए और उसमें पुराने मामले जोड़े जाएं, ये ठीक नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा, यानी रोहित, कभी अपनी पत्नी पर हाथ नहीं उठाता था। उनका दावा है कि उनके पास सारे सबूत हैं और अगर मिनाक्षी लौटना चाहें, तो उनके घर के दरवाज़े खुले हैं।

लेकिन दूसरी तरफ, मिनाक्षी का कहना है कि निक्की के पिता और परिवार ने उन्हें कभी स्वीकार ही नहीं किया। इस पूरे मामले पर जब रोहित से पूछा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और इसे “सिर्फ़ आरोप” बताया।

निक्की की मौत ने देशभर में दहेज के मुद्दे को एक बार फिर से सामने ला दिया है। और जब उसी परिवार पर दो अलग-अलग मामलों में दहेज उत्पीड़न के आरोप लगते हैं, तो सवाल खड़े होना लाज़मी है।

अब देखना यह होगा कि कानून और न्याय व्यवस्था इन दोनों मामलों में क्या फैसला देती है, और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है या नहीं।