Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Tobacco Taxes Impact: तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने से भी कम नहीं हुए तंबाकू सेवन करने वाले, भारत और बांग्लादेश में क्या हैं हालत?

Tobacco Consumption and Deaths: दुनिया में तंबाकू सेवन की दर सबसे अधिक बांग्लादेश में है जबकि भारत दूसरे नंबर पर। तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि इससे उपभोक्ताओं में कमी आएगी। आइए जानते हैं क्या कहते हैं दोनों देशों के आंकड़े।

3 min read
tobacco kills 13 lakh people in india

तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने के बावजूद हालात नहीं बदलते (Patrika)

Tobacco Taxes: बांग्लादेश दुनिया के उन देशों में है जहां तंबाकू सेवन की दर सबसे अधिक है। भारत तंबाकू उपभोग में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। बांग्लादेश में तंबाकू जनित मौत की संख्या सालाना 1.26 लाख है, वहीं भारत में करीब 13 लाख इस वजह से मारे जाते हैं।

करीब 40 % लोग तंबाकू का करते हैं सेवन

बांग्लादेश में आयोजित कराए गए राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग जोखिम कारक सर्वेक्षण 2022 के अनुसार, 18 से 69 वर्ष के लगभग 39.4% वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं। पुरुषों में यह दर 54.7% और महिलाओं में 25.4% है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2023 में वैश्विक स्तर पर यह औसत केवल 22.3% था।

तंबाकू सेवन घटाने के लिए चार तरह के लगाए टैक्स

दुनिया के कई मुल्कों की तरह बांग्लादेश में तंबाकू सेवन कम करने को लेकर इससे जुड़े उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया गया। बांग्लादेश सरकार ने इसपर चार स्तरीय कर प्रणाली लागू किया। सहायक शुल्क, 15% वैट और 1% हेल्थ डेवलपमेंट सरचार्ज शामिल हैं। सरकार ने यह तर्क दिया कि तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने से इसकी कीमत बढ़ जाएगी और इसकी खपत कम हो जाएगी। तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने से उत्पाद महंगे हो गए लेकिन लोगों में इसके सेवन में कोई कमी नहीं आई। उपभोक्ता महंगे ब्रांड छोड़कर सस्ते ब्रांड की ओर मुड़ गए और खपत में कोई कमी नहीं आई। टैक्स लगने के बाद वहां ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको बांग्लादेश (BATB) की सस्ती सिगरेटें सबसे ज्यादा बिकने लगी हैं।

बांग्लादेश और भारत ने 2040 तक रखा ये लक्ष्य

Smoke Free Bangladesh by 2040: बांग्लादेश सरकार ने 2040 तक देश को 'स्मोक फ्री बांग्लादेश' बनाने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि इस बारे में सरकार ने 2018 के बाद से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है। वहीं भारत ने वर्ष 2040 तक तंबाकू सेवन में 30 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य रखा है।

मुनाफा चवन्नी और खर्चा टका

2017–18 में सरकार को तंबाकू कर से 22,810 करोड़ टका की आय हुई जबकि तंबाकू-जनित बीमारियों से 30,560 करोड़ टका का आर्थिक नुकसान हुआ। बांग्लादेश और भारत में नशे के चलते बहुत बड़ी आबादी गरीबी के दलदल में उतरती चली जाती है। बांग्लादेश में 2021 में लोगों ने 73% स्वास्थ्य व्यय अपनी जेब से भरा।

कर से होनेवाली कमाई छोटी, नुकसान बहुत ज्यादा

वहीं भारत सरकार को हर साल तंबाकू कर से लगभग 53,000 करोड़ रुपये की आय होती है, जबकि इससे होने वाला स्वास्थ्य नुकसान कई गुना अधिक है। नशाखोरी के चलते भारत सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ कुल जीडीपी का 1 फीसदी है।

तंबाकू से होने वाली मौत के डराते हैं आंकड़े

बांग्लादेश में हर साल लगभग 1.26 लाख लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से होती है। वहीं भारत में हर साल 13 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू जनित बीमारियों से हो जाती है। भार तें मुंह के कैंसर के 90 फीसदी मामले तंबाकू सेवन से जुड़े पाए गए हैं।

राजस्थान में धूम्रपान से ज्यादा तंबाकू चबाने वाले ज्यादा

  • राज्य में 24.7% वयस्क तंबाकू उपयोगकर्ता।
  • धूम्रपान करने वालों की दर 13.2%
  • चबाने वाले तंबाकू का उपयोग: 14.1%
  • ग्रामीण इलाकों में लगभग 26.8%
  • शहरी क्षेत्र में 19.1% तंबाकू उपयोग
  • किशोरों में तंबाकू का उपयोग 4.1%
  • तंबाकू सेवन से सालाना करीब 78,000 मौतें

मध्यप्रदेश में महिलाएं कम करती हैं धूम्रपान

राज्य में लगभग 19.0% पुरुष और 0.8% महिलाएं धूम्रपान करते हैं। राज्य में कुल मिलाकर लगभग 10.2% वयस्क व्यक्ति धूम्रपान करते हैं। राज्य में 28.1% वयस्क तंबाकू चबाते हैं। यहां 38.7% पुरुष तंबाकू चबाते हैं जबकि महलाएं 16.8%।

छत्तीसगढ़ में 39.1 फीसदी लोग तंबाकू का करते हैं सेवन

राज्य में लगभग 39.1% लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं और यह राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है। राष्ट्रीय औसत 28.4% है। छत्तीसगढ़ में 7 फीसदी लोग 15 वर्ष की उम्र से पहले तंबाकू का सेवन करने लग जाते हैं। छत्तीसगढ़ में बीढ़ी पीने से 2023 में 11 हजार से ज्यादा मौतें हुई थीं।


बड़ी खबरें

View All

Patrika Special News

ट्रेंडिंग