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Bihar Voters Gender Ratio: महिला और पुरुष का वोटर्स अनुपात 15 साल में पहली बार गिरा, महिलाएं हुईं कम, इन राज्यों में क्या है हाल

Bihar Voters Gender Ratio Falls: बिहार में महिला-पुरुष मतदाताओं के अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है। अब 1,000 पुरुष मतदाताओं पर 892 महिलाएं रह गई हैं। देश में यह अनुपात 1000:946 है।

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Ratio of women to men voters in Bihar first time falls in 15 years

बिहार में पुरुष और महिला वोटरों के अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है। (Photo: IANS)

Bihar Voters Gender Ratio Falls First Time in 15 Years: चुनाव आयोग (Election Commission) के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के बाद अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, बिहार में 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष, 3.5 करोड़ महिलाएं और 1,725 ​​‘तीसरे लिंग’ के मतदाता शामिल हैं। इस सूची के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया है कि मतदाताओं में महिला-पुरुष अनुपात 2020 की तुलना में कम हुआ है।

मतदाताओं में कम हुई पुरुष के मुकाबले महिलाएं

बिहार में मतदाताओं में महिला-पुरुष अनुपात अब 1,000 पुरुष मतदाताओं पर 892 महिलाएं हो गई हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रत्येक 1,000 पुरुष मतदाताओं पर 899 महिला मतदाता थीं। वहीं भारत में मतदाता सूची के अनुसार महिला-पुरुष मतदाता अनुपात 1000 पुरुष पर लगभग 946 महिलाएं हैं।

32 जिलों के लिंगवार मतदाते आंकड़े आए सामने

बिहार के 38 जिलों में से 32 ने एसआईआर के बाद लिंगवार मतदाता आंकड़े प्रकाशित किए हैं। प्रकाशित में से 15 या लगभग आधे जिलों में लिंग अनुपात में पांच साल पहले की तुलना में गिरावट देखी गई है।

भागलपुर का लिंगानुपात सबसे अच्छा, चंपारण का सबसे खराब

जिलों में भागलपुर में लिंगानुपात अंतर सबसे कम है। भागलपुर में प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं पर 939 महिला मतदाता हैं जबकि पश्चिमी चंपारण में यह अंतर सबसे अधिक है। पश्चिमी चंपारण में प्रति 1,000 मतदाताओं पर 872 महिला मतदाता हैं।

पहले भी कम हुईं महिला मतदाताएं

बिहार में मतदाता सूची में पुरुष के मुकाबले महिला वोटरों की संख्या में यह पहली गिरावट नहीं है। राज्य में 2005 और 2010 के विधानसभा चुनावों मेंं प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं पर महिला मतदाताओं की संख्या 865 से घटकर 859 हो गई।

वर्ष 2015, 2020 और 2024 बढ़ी लिंगानुपात

बिहार में 2005 और 2010 विधानसभा चुनाव के बाद 2015, 2020 और 2024 में लिंगानुपात बढ़कर 1000 वोटरों क्रमश: 874, 899 और 907 हो गई।

SIR के बाद पुरुष मतदाताओं की संख्या में 4.18 लाख की वृद्धि

दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव और एसआईआर के बाद पुरुष मतदाताओं की संख्या में 4.18 लाख की बढ़ोतरी हुई है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या में केवल 1.27 लाख की बढ़ोतरी हुई है।

पंश्चिम बंगाल में अच्छा है वोटरों का लिंगानुपात

भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में पश्चिम बंगाल में मतदाता लिंग अनुपात 1000 पुरुषों के मकाबले 966 महिलाएं थीं। वहीं वर्ष 2019 में यह अनुपात प्रति 1000 पर 947 महिलाएं थीं।

राजस्थान : इन जिलों में सबसे बेहतर, इनमें सबसे खराब

राजस्थान में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या लगभग 5.5 करोड़ है। पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग 2.8 करोड़ जबकि महिलाएं लगभग 2.6 करोड़ के करीब हैं। राजस्थान में पुरुष के मुकाबले स्त्री मतदाताओं का अनुपात कुछ जिलों में बहुत ही अच्छा है। मिसाल के तौर पर चित्तौड़गढ़ में 1000 पुरुष के मुकाबले 994 और प्रतापगढ़ में 993 महिलाएं मतदाताएं हैं।

राज्य के 9 जिलों में पुरुष वोटर के मुकाबले महिला वोटर का अनुपात 1000:950 को पार कर चुका है। मतदाताओं के महिला और पुरुष अनुपात में सबसे खराब हाल बाड़मेर का है। बाड़मेर का अनुपात 895 है।

मध्य प्रदेश में मतदाता लिंगानुपात 1000:950

मध्य प्रदेश में मतदाताओं का लिंगानुपात 1000 पुरुष के मुकाबले 950 हो गई है। राज्य में रतलाम, बालाघाट और मंडला में मतदाता लिंगानुपात पुरुषों के मुकाबले बेहतर हैं। रतलाम और बालाघाट में 1000 पर 1013 महिला मतदाता और मंडला में 1000 पर 1000.7 यानी लगभग बराबरी का मामला है।