फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan Crime: राजस्थान में आदतन अपराधी (हिस्ट्रीशीटर) भय का माहौल पैदा कर रहे हैं। आए दिन आपराधिक वारदातों के बावजूद पुलिस इन पर नकेल नहीं कस पा रही है। हालांकि पुलिस समय-समय पर इनको पांबद कराती है।
पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार राजस्थान में 11 हजार 904 हिस्ट्रीशीटर हैं। उदयपुर रेंज प्रदेश का सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीटर वाला संभाग है। यहां 1937 अपराधियों की पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोली है।
1573 बदमाशों के साथ हाड़ौती तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर जोधपुर रेंज है, जहां 1758 हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार बड़े शहरों अजमेर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधुपर, बाड़मेर, सीकर, जयपुर व उदयपुर में हिस्ट्रीशीटर और आदतन अपराधी लगातार अपराध कर रहे हैं।
ऐसे में हर रेंज में 4 से लेकर 15 फीसदी तक अपराध के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। इन आदतन अपराधियों में ज्यादातर 18 से 35 वर्ष के पढ़े-लिखे युवक हैं, जो हाल के वर्षों में अपराध की राह पर चल पड़े हैं।
प्रदेश में हाड़ौती संभाग अपराध के मामले में तीसरे नंबर पर है। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश से अवैध हथियारों की सप्लाई होती है। हाड़ौती क्षेत्र के जिलों में तस्करी, हथियार, जमीन संबधित अपराध ज्यादा हो रहे हैं। साथ ही बारां, झालावाड़ व कोटा ग्रामीण जिले में अफीम की खेती होती है। झालावाड़ व बारां से अफीम व डोड़ा की सप्लाई पंजाब तक होती है।
राजस्थान पुलिस के हर थाना क्षेत्र में एसएचओ अपने क्षेत्र के ऐसे अपराधियों की पहचान करता है जिन्होंने बार-बार अपराध किए हैं। इन नामों को आगे पुलिस जिले के रिकॉर्ड ब्रांच में भेजा जाता है।
इसी आधार पर इन अपराधियों की सूची तैयार की जाती है। इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया जाता है जो बार-बार चोरी, नकबजनी, लूटपाट, गोकशी या गोतस्करी, साइबर फ्रॉड, अवैध हथियार या मादक पदार्थ तस्करी, गुंडागर्दी या धमकी जैसे अपराध करते हैं।
समय-समय पर हिस्ट्रीशीटरों पर कार्रवाई की जाती है। इन पर बाकायदा राजस्थान पुलिस अधिकारियों की ओर से निगरानी रखी जाती है। जिले के सभी हिस्ट्रीशीटर को पांबद कर रखा है। वहीं गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की कार्रवाई भी की जाती है।
उमा शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बूंदी
Published on:
23 Oct 2025 06:10 pm
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